हरिद्वार। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मेला अस्पताल में दो दिवसीय रि-कंस्ट्रक्टिव सर्जरी कैंप जिला कुष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. आरके सिंह के सुपरविजन और मेला अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश गुप्ता की देखरेख में शुरू हुआ। कैंप में 10 मरीजों का पंजीकरण किया गया है। सीएमएस ने बताया कि पंजीकरण करने वाले मरीजों की ही सर्जरी की जाएगी। सीएमएस डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि मेला अस्पताल में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय रि-कंस्ट्रक्टिव सर्जरी कैंप शुक्रवार से शुरू हुआ। जिसके लिए देहरादून, पौड़ी और हरिद्वार से सर्जरी के लिए चयनित मरीजों को एक दिन पूर्व मेला हॉस्पिटल में भर्ती करते हुए सभी औपचारिकताए पूर्ण कर ली गयी थी। रि-कंस्ट्रक्टिव सर्जरी कैंप में मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के चार विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मरीजों की सर्जरी करेगी। जिला कुष्ठ चिकत्साधिकारी डॉ. आरके सिंह ने बताया कि सर्जरी कैम्प में कुष्ठ से उपचारित दिव्यांग पात्र दस रोगियों को बुलाया गया है,जिनकी कैंप में सर्जरी की जाएगी। जिनमें देहरादून से 4,पौडी से 2 और हरिद्वार से 4 रोगी शामिल है। उन्होंने बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के चार चिकित्सक की टीम में डॉ. विजय कुमार, डॉ. हर्ष वर्धन, डॉ. सोनिया मैथियु और मौहम्मद शामिम अंसारी शामिल हैं। जबकि टीम को डॉ. विजय कुमार लीड कर रहे है। रि-कंस्ट्रक्टिव सर्जरी कैंप में मदद करने वालों में हरिद्वार स्वास्थ्य शिक्षक बीके गुप्ता,पौड़ी स्वराज सिंह,संजय कुमार, लक्सर संजय पाठक, गौरव शर्मा, डॉ. एबी पाराशर, प्रर्मिला,निधी,संगीता सैनी,अंजू पुण्डीर, बिजेन्द्र,दिनेश नौटियाल और विजय शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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