हरिद्वार। समन्वय समिति एवं चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ के निर्देशों पर 20 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला महिला चिकित्सालय के गेट पर कर्मचारियों ने गेट मीटिंग की। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए समिति के संयोजक दिनेश लखेड़ा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष एसपी चमोली, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष शिवनारायण सिंह और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजेन्द्र तेश्वर ने कहा कि समन्वय समिति की 20 सूत्रीय मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो सात अक्तूबर को देहरादून परेड ग्राउंड से गर्जना रैली निकाली जाएगी। जिसमे प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी भाग लेंगे। चिकित्सा स्वास्थ्य के जिला सचिव प्रदीप मौर्य, ऑडिटर जोगेंद्र यादव एवं आयुर्वेद विवि संघ के अध्यक्ष केएन भट्ट ने कहा कि संघ कई वर्षों से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहा है किन्तु आज तक सरकार द्वारा उस पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया है जो कि सोचनीय प्रश्न है। गेट मीटिंग में शामिल होने वाले कर्मचारियों में नाथी, अरविंद यादव,प्रकाश उनियाल,अंकुश चौहान,पंकज,उमा दुबे,कुसुम शर्मा, आशा शर्मा,रोशनी,हिमानी,सीमा,बेनु नंदा, अंजली काला, सचिन,अजय कुमार आदि ने मांगों के समर्थन में अपना रोष प्रकट किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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