हरिद्वार। भगवत कथा मर्मज्ञ स्वामी सच्चिदानंद शास्त्री ने कहा कि दुनियां स्वार्थी लोगों से भरी पड़ी है। मतलब निकलने बाद लोग पहचानते ही नहीं है। ऐसे में मुसीबत में पड़े व्यक्ति को ईश्वर का सहारा शेष रह जाता है और ईश्वर भी भक्त की पुकार पर मदद के लिए सदैव मौजूद रहते हैं। गौरतलब है कि श्री मद्भागवत जयंती के पावन अवसर पर गुरू मंडलाश्रम,के गुरूदेव लोक संस्कृति भवन, देवपुरा, हरिद्वार में चल रही श्रीमद्भागवत भक्ति ज्ञान यज्ञ का विशाल आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद् भागवत नाम प्रचार समिति के अध्यक्ष श्री महंत सच्चिदानंद शास्त्री महाराज,(श्री गोपालजी मंदिर,पत्थरपुरा,श्री धाम वृंदावन) के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत कथा की अमृत धारा बह रही है। कथा के चतुर्थ दिवस भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराते हुए श्री महंत सच्चिदानंद शास्त्री महाराज ने कहा कि संसार में सभी रिश्ते स्वार्थ से जुड़े हुए हैं। मुसीबत पड़ने पर व्यक्ति के अपने भी पराए हो जाते हैं। ऐसे समय में व्यक्ति को भगवान की शरण में ही जाना पड़ता है और शरणागत की रक्षा करने के लिए भगवान सदैव तत्पर रहते हैं जिस प्रकार उन्होंने मुसीबत में पड़े गजराज की पुकार सुनकर मगरमच्छ से रक्षा की थी। कथा श्रवण करने वालों में श्रीनिवास दास,विजय कुमार शर्मा,कृष्ण घनश्याम अग्रवाल,अशोक शर्मा,रामू अग्रवाल,बल्लू शाह,राजकुमार अग्रवाल,प्रह्लाद अग्रवाल,ऋषिकेश मिश्र,राधा कृष्ण अग्रवाल, रुपेश अग्रवाल, गणेश अग्रवाल, हरिनारायण पुजारी राम कुमार गुप्ता,सुभाष अग्रवाल,नरसिंह अग्रवाल,रामभज अग्रवाल,गजानंद शर्मा,परमेश्वर कुमारी ,फतेह चंद अग्रवाल ,सतीश चंद जैन,शैलेंद्र पुजारी,नरेश कुमार,सिंगर गीता अग्रवाल,विमलाबाई, कस्तूरीबाई सीमा अग्रवाल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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