हरिद्वार। सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में महंत सहदेव मुनि महाराज के शिष्य स्वामी अमृतानन्द महाराज का तिलक चादर उत्तराधिकार कार्यक्रम का आयोजन पुरूषोत्तम विहार कालोनी गुरूकृपा कुटीर कनखल में किया गया। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमंहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि देश दुनिया में सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार करने में संत समाज निर्णायक भूमिका निभा रहा है। संत परंपरा ही देश को महान बनाती है। राष्ट्र की उन्नति एवं प्रगति में मिलजुल कर ही प्रयास किए जाने चाहिए। गुरू की प्रेरणा से ही शिष्य का कल्याण होता है। गौ गंगा सेवा का संकल्प लेकर स्वामी अमृतानन्द काम करें। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने स्वामी अमृतानन्द महाराज को आशीर्वाद देते हुए कहा कि सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना योगदान दें। संत समाज सदैव ही राष्ट्रहित में अपना योगदान देता चला आ रहा है। स्वामी अमृतानन्द को जो जिम्मेदारी मिली है। वह उसका निष्ठापूर्वक पालन करते हुए मानव कल्याण में अपना योगदान देंगे। म.म.स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज ने कहा कि स्वामी अमृतानन्द महाराज निस्वार्थ सेवा भाव से मानव कल्याण में अपना सहयोग प्रदान करेंगे। स्वामी अमृतानन्द महाराज ने कहा कि महंत सहदेव मुनि के बताए मार्गो का अनुसरण करते हुए समाज सेवा में अपना योगदान दूंगा। सभी संत महापुरूष उनके लिए पूज्नीय हैं। गुरू शिष्य परंपरा भारत को महान बनाती है। महंत सहदेव मुनि महाराज ने कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और कहा कि स्वामी अमृतानन्द महाराज गरीब,असहाय निर्धन परिवारों के उत्थान में अपना योगदान देते हुए सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार करेंगे।इस अवसर पर स्वामी ऋषिश्वरानन्द, बाबा हठयोगी,सतपाल ब्रह्मचारी,महंत दुर्गादास,कोठारी महंत दामोदर दास,महंत जसविन्दर सिंह,स्वामी चिदविलासानंद ,स्वामी जयेंद्र मुनि,महंत अरूण दास,स्वामी हरिहरानंद ,महंत रघुवीर दास,महंत सूरज दास,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी दिनेश दास आदि सहित कई संत महापुरूष मौजूद रहे।
हरिद्वार। सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में महंत सहदेव मुनि महाराज के शिष्य स्वामी अमृतानन्द महाराज का तिलक चादर उत्तराधिकार कार्यक्रम का आयोजन पुरूषोत्तम विहार कालोनी गुरूकृपा कुटीर कनखल में किया गया। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमंहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि देश दुनिया में सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार करने में संत समाज निर्णायक भूमिका निभा रहा है। संत परंपरा ही देश को महान बनाती है। राष्ट्र की उन्नति एवं प्रगति में मिलजुल कर ही प्रयास किए जाने चाहिए। गुरू की प्रेरणा से ही शिष्य का कल्याण होता है। गौ गंगा सेवा का संकल्प लेकर स्वामी अमृतानन्द काम करें। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने स्वामी अमृतानन्द महाराज को आशीर्वाद देते हुए कहा कि सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना योगदान दें। संत समाज सदैव ही राष्ट्रहित में अपना योगदान देता चला आ रहा है। स्वामी अमृतानन्द को जो जिम्मेदारी मिली है। वह उसका निष्ठापूर्वक पालन करते हुए मानव कल्याण में अपना योगदान देंगे। म.म.स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज ने कहा कि स्वामी अमृतानन्द महाराज निस्वार्थ सेवा भाव से मानव कल्याण में अपना सहयोग प्रदान करेंगे। स्वामी अमृतानन्द महाराज ने कहा कि महंत सहदेव मुनि के बताए मार्गो का अनुसरण करते हुए समाज सेवा में अपना योगदान दूंगा। सभी संत महापुरूष उनके लिए पूज्नीय हैं। गुरू शिष्य परंपरा भारत को महान बनाती है। महंत सहदेव मुनि महाराज ने कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और कहा कि स्वामी अमृतानन्द महाराज गरीब,असहाय निर्धन परिवारों के उत्थान में अपना योगदान देते हुए सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार करेंगे।इस अवसर पर स्वामी ऋषिश्वरानन्द, बाबा हठयोगी,सतपाल ब्रह्मचारी,महंत दुर्गादास,कोठारी महंत दामोदर दास,महंत जसविन्दर सिंह,स्वामी चिदविलासानंद ,स्वामी जयेंद्र मुनि,महंत अरूण दास,स्वामी हरिहरानंद ,महंत रघुवीर दास,महंत सूरज दास,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी दिनेश दास आदि सहित कई संत महापुरूष मौजूद रहे।
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