हरिद्वार। अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने महाराष्ट्र में जूना अखाड़ा के चार सन्यासियों पर हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कड़़े शब्दों में निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। जूना अखाड़ा में संतों की बैठक को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि महाराष्ट्र के सांगली जनपद के लंबागढ़ गांव में जूना अखाड़े के चार नागा सन्यासियों पर स्थानीय लोगों ने हमला कर बेहद घिनौनी हरकत की है। ऐसी घटनाएं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नागा सन्यासियों ने भारत के साथ-साथ सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की परवाह नहीं की। इस तरह से लोगों का साधु संतों पर हमला करना बेहद ही निंदनीय है। सोची समझी साजिश के साथ बच्चा चोर बताकर लाठी-डंडों से नागाओं पर हमला किया गया है। हमले को लेकर समस्त संत समाज में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद इस मामले में राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति तैयार कर रही है। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी साधु-संतों पर इस तरीके से हमला न कर सके।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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