हरिद्वार। चार साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में अपर जिला जज, एफटीएससी न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने आरोपी युवक को दोषी करार दिया है। विशेष कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास व एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि 13 नवंबर 2019 की शाम श्यामपुर क्षेत्र में पीड़ित बच्ची मोहल्ले के बच्चों के साथ खेल रही थी। खेलते समय मासूम बच्ची वहां से गायब हो गई थी। मासूम बच्ची के साथ खेल रहे बच्चों ने उसके गायब होने की बात परिजनों को बताई थी। जिसपर शिकायतकर्ता माता व उसके पति मासूम बच्ची को ढूढ़ने नमामि गंगे घाट के चेजिंग रूम की तरफ गए थे। जहां मासूस बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। चेजिंग रूम में पहुंचने पर आरोपी युवक उन्हें देखकर भागने लगा। जिस पर शिकायतकर्ता के पति ने उसे मौके पर पकड़कर उसका नाम व पता पूछा था। इसी बीच आरोपी युवक मासूम बच्ची के पिता को धक्का देकर वहां से भाग गया। उसी दिन शिकायतकर्ता माता ने आरोपी दीपक पुत्र कामेश निवासी ग्राम कांगडी थाना श्यामपुर के खिलाफ दुष्कर्म करने व पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। घटना के अगले दिन पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर आरोपी युवक को नहर पटरी कांगड़ी से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले की विवेचना के बाद महिला विवेचक राखी रावत ने आरोपी युवक के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से आठ गवाह पेश किए।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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