हरिद्वार। नामांकन पत्र की बिक्री के बाद मंगलवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रशासन की ओर से ब्लॉक और पंचायत के मुख्यालय में नामांकन की तैयारी पूरी कर ली है। जिला पंचायत सदस्य के लिए तीन नामांकन केंद्र बनाए गए है। जहां तीन एआरओ तैनात किए गए है। एक नंबर से 15 नंबर तक पहला नामांकन केंद्र, 16 से 30 के लिए दूसरा और 31 से 44 वार्ड नंबर के लिए तीसरा नामांकन केंद्र बनाया गया है। अपनी सीट के हिसाब से प्रत्याशी नामांकन करेंगे। उधर ब्लॉक मुख्यालय बहादराबाद में भी तैयारियां पूरी कर ली गई है। पंचायत विभाग की तरफ से कुल 21 काउंटर लगाए गए हैं। 14 काउंटरों पर नामांकन पत्र जमा होंगे। आठ काउंटरों पर पूर्व की भांति नामांकन पत्रों की बिक्री जारी रहेगी। मुख्यालय में एक निर्वाचन अधिकारी जबकि 14 सहायक निर्वाचन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। परिसर में जगह-जगह बल्लियों को लगाकर नामांकन स्थल तक रास्ता बनाया गया है। नामांकन के दौरान पुलिस-प्रशासन की भी कड़ी व्यवस्था रहेगी। ब्लॉक मुख्यालय के बाहर ही गाड़ियों को पार्क करने के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है। कोई भी वाहन मुख्यालय में एंट्री नहीं कर सकेगा। उम्मीदवारों को कोई दस्तावेज लेकर इधर-उधर ना दौड़ना पड़े उसके लिए भी परिसर में ही अधिवक्ताओं ने अपने टेबल लगाए हैं, ताकि कोई दस्तावेज टाइपिंग और नोटरी आसानी से हो सके। खंड विकास अधिकारी मानस मित्तल ने बताया कि मंगलवार सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक नामांकन पत्र जमा किए जाएंगे। ब्लॉक बहादराबाद में नौ न्याय पंचायत है। इसमें 80 ग्राम प्रधानों और 40 बीडीसी एवं करीब 932 ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए पहले 13 टेबल लगाए गए थे। लेकिन बहादराबाद ग्राम पंचायत बड़ी होने के चलते एक टेबल बढाकर 14 कर दिए है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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