हरिद्वार। गुरूकुल कॉगड़ी समविवि में कुलपति एवं कुलसचिव की नियुक्ति का मामला गंभीर होने लगा है। पिछले दिनों पर कांगड़ी विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफ़ेसर रूप किशोर शास्त्री द्वारा कुलसचिव सुशील कुमार को हटाकर नए कुलपति किए जाने का मामला तूल पकड़ता है ताजे मामले में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति द्वारा कुलपति प्रोफेसर किशोर शास्त्री को उनके पद से हटाकर नए कुलपति की नियुक्ति कर दी गई है जिसके बाद नए कुलपति प्रोफेसर सोमदेव शास्त्री अपने समर्थकों के साथ गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय में पदभार संभालने पहुंचे लेकिन कुलपति कार्यालय का ताला लगा होने के कारण उन्हें कुलसचिव कार्यालय में अपना पद करना पड़ा। जानकारी के अनुसार पिछले 22 अक्टूबर को कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री द्वारा गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी के कुलसचिव सुशील कुमार को उनके पद से हटाकर नए कुलसचिव प्रोफ़ेसर पंकज मदान की नियुक्ति कर दी गई थी जिसको लेकर विश्वविद्यालय में काफी गहमागहमी का माहौल था जिस पर कुलपति द्वारा 2 दिन का अवकाश कर दिया गया था। मामले पर संज्ञान लेते हुए गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति द्वारा कुलपति प्रोफेसर को किशोर शास्त्री को हटाकर प्रोफेसर सोमदेव शास्त्री को यूनिवर्सिटी के नए कुलपति का पदभार दिया गया है जिसके बाद आज अपने समर्थकों के साथ सोमदेव शास्त्री गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी पहुंचे। जिन्होंने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि उन्हें गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति का पत्र प्राप्त हुआ है जिसके आधार पर उन्हें कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री के स्थान पर विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया है उनके अनुसार प्रोफेसरों किशोर शास्त्री द्वारा कुलसचिव पद पर नियुक्ति की गई थी,लेकिन कुलाधिपति की ओर से शिवकुमार को ही कुलसचिव पद पर कार्य करने को कहा गया है वही इस अवसर पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कुलसचिव सुशील कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी में कुछ विवाद चल रहा था जिसका कुलाधिपति और गुरुकुल कांगड़ी की संस्थाओं द्वारा संज्ञान लिया गया जिसके बाद नए कुलपति की नियुक्ति की गई है और नए कुलपति प्रोफेसर सोमदेव के साथ सभी शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी साथ है।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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