हरिद्वार। ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का अभिनंदन समारोह 17 अंक्तूबर को ज्योतिर्मठ चमोली में आयोजित किया जाएगा। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के आमंत्रण पर श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी विधुशेखर भारती एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती भी ज्योतिर्मठ में पधारेंगे। इसके साथ अभिनंदन कार्यक्रम में हरिद्वार के कईं बड़े संत और मंहत भी शामिल होंगे। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के मीडिया प्रभारी डॉ. शैलेन्द्र योगी ने बताया कि शंकराचार्य बनने के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 15 अक्तूबर को पहली बार उत्तराखंड की धरती पर आगमन करेंगे तथा रात्रि विश्राम होगा और 16 को बद्रीनाथ से केदारनाथ का दर्शन करेंगे तथा 17 को अभिनन्दन समारोह होगा। हरिद्वार से महंत ऋषिश्वरानंद,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, बड़ा अखाड़ा समेत अन्य संत शामिल होंगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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