हरिद्वार। अगले 19दिनों तक हर की पैड़ी पर श्रद्वालुओं को गंगा स्नान के लिए पर्याप्त मात्रा मे जल की उपलब्धता नही होगी। बार्षिक मरम्मत के लिए बार्षिक नहर बंदी की प्रक्रिया शुरू हो गई। उत्तर प्रदेश सरकार से आदेश मिलने के बाद ऊपरी खंड गंगनहर को मरम्मत और सफाई कार्यों के लिए बंद कर दिया गया। 19 दिनों तक नहर में रंगरोगन, पुलों की मरम्मत, सिल्ट की सफाई, सिंचाई के लिए बने नालों की मरम्मत आदि कार्य किये जायेंगे। उत्तर प्रदेश सिचाई विभाग ने गंगनहर को मायापुर बैराज से बंद किया है। इस दौरान हरकी पैड़ी पर पर्याप्त मात्रा में श्रद्धालुओं के लिए गंगा जल उपलब्ध रहेगा। बुधवार को यूपी सिंचाई विभाग के जेई संदीप जैन के अनुसार वार्षिक बंदी के दौरान गंगनहर को बंद किया गया है। इसके लिए उच्च स्तर से पत्र प्राप्त हुआ है। 19 दिन के लिए गंग नहर बंद की गई है। इस अवधि में नहर में मरम्मत आदि के कार्य पूरे किए जाएंगे। पांच और छह अक्टूबर की मध्य रात्रि से नहर बंद की गई है। 23 और 24 अक्टूबर की मध्य रात्रि को गंग नहर में दोबारा जल छोड़ा जाएगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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