हरिद्वार। सहकारी समिति कर्मचारी कल्याण यूनियन के कर्मचारी और पदाधिकारियों ने हरिद्वार जिले में 43 बहुउद्देशीय किसान सेवा सहकारी समितियों में तालाबंदी की। तालाबंदी के बाद कर्मचारियों की रोशनाबाद स्थित एआर कार्यालय में करीब दो घंटे बैठक चली। इसके बाद यूनियन के पदाधिकारियों को जिला सहायक निबंधक अधिकारी ने आश्वासन दिया कि उनकी जायज मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा। उधर, यूनियन का कहना है कि अगर 15 दिन के भीतर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह दोबारा आंदोलन करने को बाध्य होंगे। यूनियन से जुड़े कर्मचारी 18 अक्तूबर से कार्यबहिष्कार और कलम बंद हड़ताल पर हैं। यूनियन के अध्यक्ष रामपाल सिंह ने बताया कि गुरुवार को जिले की समस्त बहुउद्देशीय किसान सेवा सहकारी समितियों पर तालाबंदी की गई। यूनियन चार मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है। समितियों में नियुक्त कर्मचारियों की नियुक्ति निरस्त न की जाए और समितियों में कार्यरत कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची तैयार कर पदोन्नति की जाए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सातवां वेतनमान भी नहीं दिया गया है और ही प्रतिनियुक्ति पर कैडर में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित रूप से कैडर में समायोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी नहीं हुई तो उनका आंदोलन जारी रहेगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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