हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि नवरात्रों में मां मनसा देवी भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती है। नवरात्रों में की गई मां भगवती की आराधना कभी निष्फल नहीं जाती और भक्त को विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है। निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि जो भक्त मां की शरण में आ जाते हैं। उनका उद्धार अवश्य ही निश्चित है। छठे नवरात्र पर मां मनसा देवी की आराधना कर विश्व कल्याण की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि मां मनसा देवी बहुत ही दयालु एवं कृपालु हैं। जो अपने भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर उन्हें मनवांछित फल प्रदान करती हैं। माता के दरबार में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्तों की सभी मनोकामनाएं मां मनसा देवी पूर्ण करती हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्रि पर्व मां भगवती की आराधना को समर्पित है। संपूर्ण नवरात्र जो साधक नियमानुसार मां के सभी नौ स्वरूपों की आराधना करते है।ं उनके घर में सुख समृद्धि का वास होता है और उनका जीवन सदैव उन्नति की ओर अग्रसर रहता है। नवरात्रों में दर्शन व पूजन के लिए आने वाले सभी श्रद्धालु भक्तों के कष्टों को दूर कर मां मनसा देवी उन्हें यश वैभव और कीर्ति प्रदान करती है और भक्तों का संरक्षण कर उनका जीवन भवसागर से पार लगाती है।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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