हरिद्वार। श्रीरामलीला कमेटी रजि. ने हर की पैड़ी पर भरत मिलाप का आयोजन कर गंगा तट से संपूर्ण विश्व को भ्रातृत्व प्रेम को और प्रगाढ़ बनाने का संदेश दिया। गंगा आरती के पश्चात संपन्न हुए भरत मिलाप का दर्शन कर हजारों श्रद्धालुओं ने राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान एवं भरत -शत्रुघ्न का दर्शन लाभ कर आशीर्वाद प्राप्त किया। लंका विजय कर अयोध्या लौटे भगवान राम का हर की पैड़ी दर्शन मेला 2 घंटे तक अनवरत जारी रहा। भगवान श्रीराम का रथ खड़खड़ी सूखी नदी से हर की पैड़ी के लिए रवाना हुआ तो अनेकों स्थानों पर व्यापारी, संत समाज एवं गणमान्य नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इधर रामलीला भवन से भरत और शत्रुघ्न हर की पैड़ी पहुंचे, भरत ने जैसे ही श्रीराम के चरण स्पर्श किए तो राम ने भरत को गले से लगा लिया। भावुकता से भरे इस दृश्य को देखकर हजारों श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गयीं। श्रद्धालुओं को दर्शन लाभ देने के बाद राम का परिवार जब हर की पैड़ी से रामलीला भवन के लिए रवाना हुआ तो बड़ा बाजार एवं मोती बाजार के व्यापारियों ने पुष्प वर्षा से स्वागत किया। रामलीला भवन में माताओं ने आरती उतारकर श्रीराम का भवन प्रवेश कराया। भगवान राम के जीवन आदर्श एवं मर्यादित आचरण को संपूर्ण समाज में समाहित करने के उद्देश्य से आयोजित इतने बड़े अनुष्ठान को सकुशल संपन्न कराने में श्रीरामलीला संपत्ति कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष गंगाशरण मददगार एवं श्रीरामलीला कमेटी रजि. के अध्यक्ष वीरेंद्र चड्ढा के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यों का योगदान रहा। उनमें सुनील भसीन,भगवत शर्मा मुन्ना, रविकांत अग्रवाल, विनय सिंघल,रविंद्र अग्रवाल,डा.संदीप कपूर,साहिल मोदी,कन्हैया खेवड़िया,विनोद नयन,ऋषभ मल्होत्रा,विशाल गोस्वामी,दर्पण चड्ढा,पवन शर्मा,राहुल वशिष्ठ, मनोज बेदी,सुनील वधावन,विकास सेठ,अनिल सखूजा,रमन शर्मा,वीरेंद्र गोस्वामी,मयंक मूर्ति भट्ट, महेश गौड़,रमेश खन्ना,गोपाल छिब्बर,विशाल मूर्ति भट्ट,माधव बेदी तथा अंकित शर्मा का योगदान सराहनीय रहा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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