हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में इको फ्रेंडली दीपावली मनाई गयी। महिला मण्डल की बहिनों ने गायत्री तीर्थ शांतिकुंज और देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिसर को विभिन्न आकर्षक रंगोलियों से सजाया। हर ओर इको फ्रेंडली दीपावली मनाने का संदेश भी लिखा हुआ था। वहीं दीपोत्सव पर्व के अवसर पर गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या और शैलदीदी ने बही खाता का पूजन किया। मुख्य यजमान के रूप में डॉ. चिन्मय पण्ड्या, शेफाली पण्ड्या ने पर्व पूजन सम्पन्न किया। डॉ पण्ड्या ने कहा कि दिवाली के अवसर पर प्रज्ज्वलित होने वाला दीपक हम सभी को प्रकाशित होने का संदेश देता है। वे अपने भीतर के तेल (स्नेह) की एक-एक बूंद जलाकर जग को प्रकाशित करते हैं। डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि दिवाली ज्ञानोत्सव का महापर्व के रूप में भी मनाया जाता है। सद्ज्ञान को अपने जीवन में उतारें। इस मौके पर वैदिक कर्मकाण्ड श्याम बिहारी दुबे एवं श्री उदय किशोर मिश्र ने सम्पन्न कराया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment