हरिद्वार। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि पौड़ी में हुई बस दुर्घटना की जांच होनी चाहिए, किस कारण से घटना हुई है। उन्होंने कहा कि नियमों का कड़ाई से पालन होना चाहिए। 20 सवारी वाले वाहनों में 20 ही सवारी बैठाई जानी चाहिए। यह बात उन्होंने जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से आशीर्वाद लेने के बाद मीडिया से कही। शुक्रवार को शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से मुलाकात करने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी पहुंची। उन्होंने शंकराचार्य से आशीर्वाद लिया। मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने पौड़ी के बस हादसे पर दुख जताया। पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहाड़ में ड्राइविंग करना कठिन है। नियमों का ध्यान रखा जाना चाहिए। कहा कि यह भी देखा जाए कि सही गाड़ियां चल रही हैं या नहीं। कड़ाई से नियमों का पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ ही जनता को भी इस पर ध्यान देना चाहिए। कहा कि वाहन पहाड़ में चलने लायक है या नहीं, चालक चला सकता है नहीं, यह भी देखा जाए। इस मौके पर अन्नू कक्कड़, प्रशांत सैनी, दीपांशु विद्यार्थी आदि मौजूद रहे। विधानसभा भर्ती को लेकर पूछे गए सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने जवाब देने से साफ इनकार कर दिया। मुआवजा कम होने पर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शासन का मामला है। इस पर टिप्पणी करना सही नहीं होगा।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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