हरिद्वार। बार्षिक मरम्मत एवं रखरखाव के लिए 20दिनों की वार्षिक बंदी के रविवार देर शाम गंगनहर खोल दिया गया। इसके साथ ही हर की पैड़ी पर दीपावली की पूर्व संध्या पर पर्याप्त मात्रा में गंगाजल उपलब्ध हो गया। बताते चले कि पांच और छह अक्तूबर की मध्य रात्रि को ऊपरी खंड गंगनहर को बंद की गई। हर की पैड़ी पर गंगा में जल आने से श्रद्धालुओं खुश हैं। विभाग का दावा है कि वार्षिक बंदी के दौरान गंगनहर में सफाई और मरम्मत के कार्य पूर्ण किए गए। प्रत्येक वर्ष उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग गंगनहर को दशहरे के दिन बंद करता हैं। इस दौरान नहर में रंग रोगन, पुलों की मरम्मत, सिल्ट की सफाई, सिंचाई के लिए बने नालों की मरम्मत आदि कार्य किए जाते हैं। गंगनहर को मायापुर बैराज से बंद किया जाता है। गंगनहर बंद होने के बाद हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं के लिए गंगा जल कम रहता है। अब गंगनहर दोबारा खोले जाने के बाद हरकी पैड़ी और आसपास के क्षेत्र में जल की मात्रा बढ़ गई। गंगा पूजन,गंगा स्नान,अनुष्ठान,तर्पण,विसर्जन, कर्मकांड आदि कार्यों के लिए हरिद्वार पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए हरकी पैड़ी पर जल उपलब्ध रहा।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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