हरिद्वार। दीपों का त्यौहार दीपावली तीर्थनगरी में धूमधाम से मनाया गया,शाम होते हुए शहर में जमकर आतिशबाजी हुई तो हर तरफ दीपावली का उल्लास लोंगो के सिर चढ़कर बोला,लोगों ने अपने अपने घरों को आकर्षक लाईटों से सजाया। दीपों के त्यौहार पर तीर्थनगरी शाम होते ही रोशनी से जगमगा उठा। हर तरफ लोगों खासकर बच्चों ने दीये जलाये तथा मिठाईयों का आदान प्रदान किया। वही दूसरी ओर दीपावली पर आग की घटनाओं की सूचना पर देर रात तक दमकल महकमे के वाहन शहर भर में दौड़ते रहे। सोमवार रात शहर में अलग-अलग पांच स्थान पर आग लगने की घटनाएं घटीं। कनखल की विष्णु गार्डन कालोनी में बने गीता विज्ञान आश्रम की छत पर झोपड़ी ने पटाखे की चिंगारी से आग पकड़ ली। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। आनन फानन में सूचना मिलने पर दमकल वाहन मौके पर पहुंचा। चंद मिनटों में आग पर काबू पाया गया लेकिन झोपड़ी जलकर स्वाहा हो गई। ज्वालापुर क्षेत्र की लाल मंदिर कालोनी में पटाखे की चिंगारी से बरामदे में रखे गद्दे में आग लग गई। देखते ही देखते आग घर के अंदर तक पहुंच गई। सूचना मिलने पर मायापुर फायर स्टेशन से दो एवं रेल चौकी के पास मौजूद एक दमकल वाहन तुरंत मौके पर पहुंचा। दमकलकर्मियों ने आग बुझाने के साथ साथ परिवार के बच्चे लवी पुरी, इनाइसा पुरी (तीन वर्ष) को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। वहीं मध्य हरिद्वार में भगत सिंह चौक के पास भभूतावाला बाग कालोनी में रविंद्र सिंह के घर में आग लगने से सामान जलकर स्वाहा हो गया। उधर, कनखल क्षेत्र की राजपूत धर्मशाला के ठीक पीछे आग लगने से झोपड़ी जलकर खाक हो गई। उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र में खड़खड़ी हिल बाईपास मार्गपर भी जंगल में आग लग गई। कनखल के राजा गार्डन जगजीतपुर में भी एक दुकान में आग लगने से सामान स्वाहा हो गया। एफएसओ नरेंद्र सिंह कुंवर के अनुसार आग लगने की कोई बड़ी घटना नहीं हुई। जहां-जहां पटाखों की चिंगारी से आग लगी थी, उन पर काबू पा लिया गया था। इससे पूर्व शाम होते ही नगर में जमकर आतिशबाजी हुई,हर तरफ लोगों ने खूब पटाखों छोड़े।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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