हरिद्वार। अध्यात्म एवं सद्विचारों से युक्त व्यक्ति पर नकारात्मक व्यवहार कम प्रभावी होता है। अध्यात्म की शक्ति व्यक्ति को नकारात्मक व्यवहार करने से रोकती है। गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डा.शिवकुमार चौहान ने शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग मे संवाद कार्यक्रम के अवसर पर यह बात कही। युवाओं के लिए मनोविज्ञान के रहस्य एवं सिद्वान्त पर संवाद करते हुये डा.चौहान ने कहा कि यथाकर्म यथाश्रुतमए यथाप्रज्ञा बहुत.सी चीजें शरीर के नाश के साथ ही चली जाती हैं। लेकिन आत्मा रहती है। मनुष्य का जैसा कर्म उसका ज्ञान और जैसी उसकी प्रज्ञा होती है. वैसा ही जन्म उसे मिलता है। नए जन्म में वह अपनी साधना आगे चलाता है। इतना स्पष्ट होते हुए भी यदि मृत्यु के रहस्य को समझना हो तो उसके लिए व्यक्ति को अपनी स्वतन्त्र साधना करनी ही पड़ती है। जिसमे मनोविज्ञान के रहस्य एवं सिद्वान्त व्यक्ति के लिए मददगार होते है। उन्होने कहा कि मनोविज्ञान को जानना आज सभी लोगों के लिए आवश्यक बनता जा रहा है। जीवन की छोटी छोटी समस्यायें व्यक्ति की सोच एवं नैतिकता पर गहरा प्रभाव डालती है। जिस पर परामर्श एवं सहयोग के माध्यम से ही समाधान प्राप्त होता है।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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