हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कम्पनी को सेवा में कमी का दोषी पाया है। आयोग ने बीमा क्लेम धनराशि पांच लाख 78 हजार छह सौ रुपये का भुगतान छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से, क्षतिपूर्ति के रूप में पांच हजार रुपये व शिकायत खर्च और अधिवक्ता फीस के रूप में पांच हजार रुपये की धनराशि शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं। नगला इमरती रुड़की निवासी शिकायतकर्तागण रामनरेश शर्मा और कुसुमलता शर्मा साहब सिंह ने शाखा प्रबंधक,पंजाब नेशनल बैंक सैपर बाजार रुड़की,प्रभारी अधिकारी, बजाज एलाइंस जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड देहरादून के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्तागण ने बताया था कि वर्ष 2007 को बैंक प्रबन्धक से आवासीय लोन के लिए साढ़े सात लाख रुपये का लोन लिया था। उक्त मकान का बीमा कंपनी से इंश्योरेंस लिया था। शिकायतकर्ता नियमित तौर से बीमा किश्तें जमा करते आ रहे हैं। बीमित राशि नौ लाख रुपये है। जुलाई 2020 में तेज बारिश होने पर मकान में दरारें पड़ गई। दीवारों और छत पर दरारें पड़ गई थी। बारिश का पानी शिकायतकर्ता के घर में आने लगा। शिकायतकर्तागण ने तत्काल दोनों को इसकी सूचना दी। जिसपर आर्किटेक्ट के माध्यम से हुई क्षति पांच लाख 78 हजार छह सौ रुपये का आंकलन कराया गया था। इसके बावजूद बीमा कंपनी ने सर्वेयर से मुआयना कराया। जिसमें सर्वेयर ने भी आर्किटेक्ट के आंकलन को ठीक ठहराया था। शिकायतकर्ता ने सभी कागजात बीमा कंपनी को उपलब्ध कराए थे। इसके तहत शिकायतकर्ता ने बीमा कंपनी से पैसे की मांग की थी। लेकिन बीमा कंपनी ने शिकायतकर्ता गण का बीमा निरस्त कर दिया था। बीमा कंपनी की ओर से कोई सुनवाई नहीं करने पर शिकायतकर्ता गण ने आयोग की शरण ली थी। आयोग के अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्ढा और विपिन कुमार ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी ठहराया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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