हरिद्वार। श्री वैश्य बंधु समाज मध्य क्षेत्र हरिद्वार की महिला विंग की और से नवरात्रों के अवसर पर गरबा का आयोजन किया गया। मध्य हरिद्वार स्थित एक होटल में आयोजित गरबा में बड़ी संख्या में संस्था की सदस्यों ने भाग लिया। इस अवसर पर आरती अग्रवाल व सीमा अग्रवाल ने कहा कि गरबा देवी दुर्गा की आराधना को समर्पित है। इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेने से महिलाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। पिंकी अग्रवाल व पूजा अग्रवाल ने कहा कि गरबा जैसे कार्यक्रमों में भाग लेने से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि समाज सेवा के साथ-साथ महिलाएं परिवारों के उत्थान में भी अपना योगदान देती हैं। बालिकाओं की शिक्षा को लेकर सजगता से महिलाएं अपना योगदान दे रही हैं। प्रत्येक क्षेत्र में वैश्य समाज की महिलाएं निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। अर्चना अग्रवाल व प्रीति तायल ने कहा कि गरबा भारतीय संस्कृति व पर्वो को दर्शाने का सशक्त माध्यम है। महिलाएं उत्साह पूर्वक गरबा में अपनी प्रस्तुतियां देती हैं। लगातार महिला विंग की और से सामाजिक गतिविधियों के अलावा सांस्कृति एवं धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। गरीब असहाय निर्धन परिवारों के उत्थान में भी सहयोग किया जाता है। महिला उत्पीड़न के खिलाफ भी संगठन की और निरंतर आवाज उठायी जाती है। महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है। इस अवसर पर सीमा गुप्ता,पूजा अग्रवाल, पूजा बंसल,सपना गर्ग,पूजा गोयल,संगीता अग्रवाल,रूचि गर्ग,गीता गोयल,गीता गुप्ता,रीतू गर्ग, सोनिया अग्रवाल,ललतेश गुप्ता, रीना मित्तल,सुनीता मित्तल,रागिनी अग्रवाल,रंगोली अग्रवाल, पायल जैन,रेखा जैन,तोषी अग्रवाल,सपना गुप्ता,विनती जैन,मीना जैन,बबीता गुप्ता,अमिता जैन, मीनू बंसल, अलका गोयल, अर्चना अग्रवाल, प्रीति तायल आदि शामिल रही।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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