हरिद्वार। विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय में गोष्ठी का आयोजन किया गया। नेत्रदान एवं नेत्र विकार के प्रति जागरूकता के लिए आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता प्रमुख अधीक्षक डा.सीपी त्रिपाठी ने तथा संचालन दिनेश लखेड़ा ने किया।चिकित्सालय के वरिष्ठ नेत्र सर्जन डा.सुब्रत अरोड़ा ने गोष्ठी में उपस्थित सभी लोगों को जीवन में रक्तदान तथा मरणोपरांत नेत्रदान के लिए प्रोहत्साहित किया और अंधता के विभिन्न कारणों के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि एक नेत्रदाता द्वारा किये गए नेत्रदान से चार लोगो को रोशनी मिल सकती है। वरिष्ठ नेत्र सर्जन डा.एसके सोनी ने काला मोतिया, सफेद मोतिया, भेंगापन, डायबिटिक रेटिनोपैथी, नवजात शिशु में रेटिनोपैथी के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी। डा.चन्दन मिश्रा ने बताया कि सात साल तक आखो का पूर्ण विकास हो जाता है। 7 साल के बाद दृष्टि दोष के आपरेशन का पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता है। सात साल से पहले उपचार का शत प्रतिशत लाभ प्राप्त होता है। इसलिये सलाह उपचार में विलम्ब न करे। 10 साल से डायबीटिक रोगी अपने रेटिना, पर्दे की जाँच प्रतिवर्ष कराये। अनजाने में स्टेराइड युक्त आई ड्राप को डालने से बचें। इससे आँखों को नुकसान पहुंच सकता है। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा.शशिकांत ने बच्चो में कुपोषण और विटामिन ए की कमी से नेत्र विकार के विषय में विस्तार से जानकारी दी। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा.सीपी त्रिपाठी ने बताया कि अपने आस पास के लोगो को नेत्रदान, और नेत्र विकार के सम्बन्ध में जागरूक करें। यदि हम किसी बच्चे को नेत्रविकार से बचा सके और नेत्रदान के प्रति लोगों को जागरूक कर सके तो स्वास्थ्य विभाग की मुहिम सफल होगी। गोष्ठी में डा.संदीप टंडन, डा.चन्दन मिश्रा,डा.सुब्रत अरोड़ा,डा.एसके सोनी, डा.शशिकांत, डा.रविंद्र चौहान, डा.संजय त्यागी,डा.रामप्रकाश,डा.पंकज,डा.हितेन जंगपांगी, डा.विपिन पोखरियाल, सिस्टर मनोरमा,उषा देवी,अनुपमा,आशा शुक्ला,हिमांशु जोशी, फार्मेसिस्ट पीसी रतूड़ी,डीपी बहुगुणा,एसपी चमोली,प्रदीप मौर्य,अमित, विनोद तिवारी,नवीन बिंजोला, वासुदेव न्यूली,राजन बडोनी,धीरेंद्र,रविंद्र,विपिन रावत,कीर्ति शर्मा,नेहा,मिथलेश,माधुरी रावत, फूलमती,आदर्श मणि,अजीत रतूड़ी,राहुल यादव,लाल खान,राजेश पन्त, मंजू शर्मा, दिनेश लखेड़ा और बीएएमएस, फार्मेसिस्ट, जीएनएम के इंटर्न्स मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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