हरिद्वार। कनखल स्थित सूरत गिरि का बंगला आश्रम में रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन दिवसीय महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान एवं वेदस्थली शोध संस्थान द्वारा आयोजित क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन के समापन सत्र कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। वैदिक सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सांसद डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, उत्तराखंड संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री,प्रो.विरुपाक्ष वी जड्डी पाल,अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि ,जूना अखाड़ा के पूर्व अंतरराष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत देवानंद सरस्वती,महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश उपस्थित रहे। सांसद निशंक ने कहा कि आज पूरी दुनिया में संस्कृत की महत्ता को माना जा रहा है। इसलिए जर्मनी जैसे देश ने भी संस्कृत के 14 विवि खोले हैं। उन्हें गर्व है कि वो संस्कृत की जननी देवभूमि उत्तराखंड के निवासी हैं। वहीं सूरत गिरि बंगला आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि ने कहा कि विश्व में भय और अशांति है,इन्हें दूर करने की चाबी सिर्फ हमारे वेदों में है और इस चाबी को खोजने के लिए ही वैदिक सम्मेलन का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ महामंडलेश्वर स्वामी विश्वविश्वेरानंद गिरि,अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी,महामंडलेश्वर महंत ललितानंद गिरि ने किया। कार्यक्रम का संचालन अरुण मिश्रा ने किया। वैदिक सम्मेलन के संयोजक सतीश जैन,विभोर विद्याकुल,विनय शास्त्री ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस दौरान जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ0 योगेन्द्र सिंह रावत, उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश चन्द्र, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह,एसडीएम पूरण सिंह राणा,एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार,मनोज गहतोड़ी,शैलेष तिवारी,मोहन बलौदी, डॉ0दामोदर परगांई सहित अधिकारीगण उपस्थित थे।
हरिद्वार। कनखल स्थित सूरत गिरि का बंगला आश्रम में रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन दिवसीय महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान एवं वेदस्थली शोध संस्थान द्वारा आयोजित क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन के समापन सत्र कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। वैदिक सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सांसद डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, उत्तराखंड संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री,प्रो.विरुपाक्ष वी जड्डी पाल,अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि ,जूना अखाड़ा के पूर्व अंतरराष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत देवानंद सरस्वती,महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश उपस्थित रहे। सांसद निशंक ने कहा कि आज पूरी दुनिया में संस्कृत की महत्ता को माना जा रहा है। इसलिए जर्मनी जैसे देश ने भी संस्कृत के 14 विवि खोले हैं। उन्हें गर्व है कि वो संस्कृत की जननी देवभूमि उत्तराखंड के निवासी हैं। वहीं सूरत गिरि बंगला आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि ने कहा कि विश्व में भय और अशांति है,इन्हें दूर करने की चाबी सिर्फ हमारे वेदों में है और इस चाबी को खोजने के लिए ही वैदिक सम्मेलन का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ महामंडलेश्वर स्वामी विश्वविश्वेरानंद गिरि,अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी,महामंडलेश्वर महंत ललितानंद गिरि ने किया। कार्यक्रम का संचालन अरुण मिश्रा ने किया। वैदिक सम्मेलन के संयोजक सतीश जैन,विभोर विद्याकुल,विनय शास्त्री ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस दौरान जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ0 योगेन्द्र सिंह रावत, उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश चन्द्र, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह,एसडीएम पूरण सिंह राणा,एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार,मनोज गहतोड़ी,शैलेष तिवारी,मोहन बलौदी, डॉ0दामोदर परगांई सहित अधिकारीगण उपस्थित थे।
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