हरिद्वार। जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने शुक्रवार को हरकी पैड़ी पर संतों के साथ गंगा पूजन कर बदरीनाथ धाम के लिए अपनी पहली सनातन धर्म रक्षा संकल्प यात्रा शुरू की है। इस दौरान उन्होंने देश में एक समान कानून लाए जाने की मांग को प्रमुखता से उठाया। सनातन धर्म में वापसी के बाद जितेंद्र नारायण त्यागी की यह पहली संकल्प यात्रा है। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने अपने सनातनी साथियों के साथ मिलकर इस यात्रा को अपने जीवन का संकल्प बनाया है। भारत में बहुसंख्य आबादी सनातन धर्म की है, लेकिन भारत के पड़ोसी देश सनातन धर्म को मिटाने और गजवा ए हिंद का ख्वाब देखते हुए भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं जो भारत के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस संकल्प यात्रा का उद्देश्य भारत में एक समान कानून लागू करना है, क्योंकि भारत में कुछ धर्म अपने रीति रिवाज की आड़ में भारतीय संविधान को किनारे कर अपने धार्मिक कानून चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिजाब, खुले में नमाज पढ़ना, सरकारी जमीनों पर धार्मिक स्थल का जबरन निर्माण प्रमुख है। इस दौरान उन्होंने नशा मुक्त भारत बनाए जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश भारत में नशा फैलाने का कार्य कर देश को बर्बाद करना चाह रहे हैं। लेकिन ऐसे मंसूबे भारत कभी पूरा होने नहीं देगा। यात्रा पर निकलने से पहले जितेंद्र नारायण त्यागी की हरिद्वार पुलिस के साथ सुरक्षा को लेकर नोकझोंक भी हो गई। उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर एंबुलेंस और पुलिस सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए। इस मौके पर शाम्भवी आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप, दर्शन भारती सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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