हरिद्वार। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने राम नवमी के अवसर पर नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में 700 कन्याओं का पूजन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया और विश्व कल्याण की कामना की। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि रामनवमी का त्यौहार हमारे जीवन में खुशियां लेकर आता है और नवरात्रि पर्व मां भगवती की आराधना को समर्पित है। इस दौरान साधक पर मां की अपरंपार कृपा बरसती है। अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्तों का कल्याण कर मां भगवती उसका जीवन भवसागर से पार लगाती है। नवरात्र में कन्या पूजन का अति विशेष महत्व है। बालिकाओं के पूजन से मां भगवती के साथ-साथ समस्त देवता भी प्रसन्न होकर साधक को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। हम सभी को नन्हे-मुन्ने बालक बालिकाओं को शिक्षित कर उनके भीतर धार्मिक विचारों को जागृत करना चाहिए ताकि वह बड़े होकर अपने भविष्य का निर्माण कर सकें। आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि यदि व्यक्ति को अपने जीवन को सार्थक बनाना है तो जगत जननी मां जगदंबा की उपासना नवरात्र के दौरान अवश्य करनी चाहिए। मां जगदंबा करुणामयी हैं और शक्ति का अवतार हैं। जो समस्त सृष्टि का भरण पोषण करती है। मां की आराधना व्यक्ति के जीवन में नए बदलाव लाती है और उसके घर में सुख समृद्धि का प्रवेश होता है। श्री दक्षिण काली मंदिर का अपना अति विशेष महत्व है। जहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं मां दक्षिणी काली पूर्ण करती है। इसीलिए सभी को मां का आशीर्वाद प्राप्त हो और जग में खुशहाली रहे यही संत समाज की कामना है। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज,स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी,स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी,बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, आचार्य पवनदत्त मिश्र,पंडित प्रमोद पांडे,स्वामी विवेकानंद ब्रह्मचारी,लाल बाबा,स्वामी रघुवीरानंद, स्वामी अनुरागी महाराज सहित सैकड़ों श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
हरिद्वार। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने राम नवमी के अवसर पर नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में 700 कन्याओं का पूजन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया और विश्व कल्याण की कामना की। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि रामनवमी का त्यौहार हमारे जीवन में खुशियां लेकर आता है और नवरात्रि पर्व मां भगवती की आराधना को समर्पित है। इस दौरान साधक पर मां की अपरंपार कृपा बरसती है। अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्तों का कल्याण कर मां भगवती उसका जीवन भवसागर से पार लगाती है। नवरात्र में कन्या पूजन का अति विशेष महत्व है। बालिकाओं के पूजन से मां भगवती के साथ-साथ समस्त देवता भी प्रसन्न होकर साधक को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। हम सभी को नन्हे-मुन्ने बालक बालिकाओं को शिक्षित कर उनके भीतर धार्मिक विचारों को जागृत करना चाहिए ताकि वह बड़े होकर अपने भविष्य का निर्माण कर सकें। आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि यदि व्यक्ति को अपने जीवन को सार्थक बनाना है तो जगत जननी मां जगदंबा की उपासना नवरात्र के दौरान अवश्य करनी चाहिए। मां जगदंबा करुणामयी हैं और शक्ति का अवतार हैं। जो समस्त सृष्टि का भरण पोषण करती है। मां की आराधना व्यक्ति के जीवन में नए बदलाव लाती है और उसके घर में सुख समृद्धि का प्रवेश होता है। श्री दक्षिण काली मंदिर का अपना अति विशेष महत्व है। जहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं मां दक्षिणी काली पूर्ण करती है। इसीलिए सभी को मां का आशीर्वाद प्राप्त हो और जग में खुशहाली रहे यही संत समाज की कामना है। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज,स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी,स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी,बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, आचार्य पवनदत्त मिश्र,पंडित प्रमोद पांडे,स्वामी विवेकानंद ब्रह्मचारी,लाल बाबा,स्वामी रघुवीरानंद, स्वामी अनुरागी महाराज सहित सैकड़ों श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
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