हरिद्वार। वन्य जीवों का जंगलों से निकलकर आबादी में आने का सिलसिला लगातार जारी है। शुक्रवार रात जगजीतपुर क्षेत्र की एक कॉलोनी में हाथियों का झुंण्ड आने से कालोनीवासी घंटों दहशत में रहे। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हाथीयों को वापस जंगल की और से भगाया। सोशल मीडिया पर कालोनी में घूमतें हाथियों का वीडियो वायरल हो रहा है। शुक्रवार रात में गंगा पार से तीन हाथी आबादी क्षेत्र में पहुंच गए। हाथी घंटों तक जगजीतपुर क्षेत्र की कालोनोनियों में विचरण करते रहे। कालोनी में हाथीयों को घूमते देख लोग घरों में कैद हो गए और वन विभाग की सूचना दी। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हाथीयों को वापस जंगल की और भगाया। हाथीयों के वापस लौटने तक लोग दहशत में रहे। स्थानीय लोगों का कहना है कि हाथी अकसर जगजीतपुर और गुरूकुल क्षेत्र की कालोनियों में पहुंच जाते हैं। जानकारी होने के बाद वन विभाग हाथीयों को आबादी में आने से रोकने के लिए कारगर कदम नहीं उठा रहा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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