हरिद्वार। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की सभी रेंज के कर्मचारी अपने आठ माह के बकाया वेतन और आउटसोर्स प्रथा के खिलाफ छह अक्तूबर से आंदोलनरत हैं। छह अगस्त से चीला पार्क के गेट पर आउटसोर्स कर्मी धरने पर बैठे हैं। रविवार को धरने के ग्याहरवें दिन गौहरी, रवासन, मोतीचूर,हरिद्वार,रानीपुर,धौलखंड,बेरीवाड़ा,रामगढ़ और कांसरो रेंज के सभी आउटसोर्स कर्मियों ने चीजा रेंज में पहुंचकर अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की सभी रेंज में वर्तमान में ढाई सौ से अधिक आउटसोर्स कर्मी विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। छह अगस्त से यह आउटसोर्स कर्मी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। छह अगस्त से ही चीला रेंज के पार्क गेट पर आउटसोर्स कर्मी धरने पर बैठे हैं। धरने के ग्याहरवें दिन चीला रेंज में सभी रेंज के आउटसोर्स कर्मियों ने जमा होकर अपनी मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। आउटसोर्स कर्मियों का कहना है कि उनकी मांगों पर यदि जल्द कोई सकात्मक कदम उच्चाधिकारियों ने नहीं उठाया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। इस दौरान परमजीत सिंह,देवेंद्र प्रसाद,नरेश कुमार,सुरेश लाल,ओमकुमार,मुनेश कुमार ,सुभाष सिंह,मुकेश,सुबोध चंद्र,सुनील कुमार,विनय,जयवीर सिंह,संदीप लाल,मनदीप सिंह,प्रवीण कुमार,परविंदर,नितिन,प्रीतम,संजय चौहान,प्रदीप सिंह,पंकज,अतर सिंह ,बिलाल,संजय प्रकाश, विजय प्रकाश,जाकिर,दीवान सिंह,मनीष, दीवान सिंह आदि मौजूद रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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