हरिद्वार। कंेंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय 2 से 31 अक्टूबर तक अपशिष्ट निस्तारण अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत विभिन्न संस्थानों एवं संगठनों को अपशिष्ट निस्तारण एवं साफ-सफाई हेतु विशेष निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों के अनुपालन में बीएचईएल हरिद्वार में भी अनेक स्वच्छता गतिविधियाँ आयोजित की गयीं। बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक प्रवीण चन्द्र झा ने अभियान के तहत आयोजित गतिविधियों की सराहना करतें हुए कहा कि इस तरह के अभियान निरंतर रूप से चलाए जाने चाहिए। जिससे स्वच्छता को बरकरार रखा जा सके। उल्लेखनीय यह भी है कि अपशिष्ट निस्तारण के अंतर्गत बीएचईएल कारखाना परिसर में कुल 4 स्थानों को चिन्हित किया गया। जिनमें से बैटरी स्क्रैप निस्तारण का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इसके तहत कुल 21.79 मीट्रिक टन वजन की बैटरी को हटाकर 78 वर्ग मीटर का स्थान अवमुक्त किया गया। ब्लेड कट-ऑफ स्क्रैप का कार्य भी पूरा हो चुका है। जिससे 56 वर्ग मीटर का स्थान खाली हुआ। स्वार्फ और वेस्ट वुड स्क्रैप निस्तारण कार्य वर्तमान में प्रगति पर है। जिसके पूर्ण होने पर 320 वर्ग मीटर का स्थान अवमुक्त हो जाएगा। इसी क्रम में कारखाना परिसर तथा बीएचईएल उपनगरी में विभिन्न स्थानों पर स्वच्छता अभियान भी चलाए गए। जिनमें अनेक बीएचईएल अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया ।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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