हरिद्वार। काली सेना प्रमुख स्वामी विनोद महाराज ने जगजीतपुर स्थित कार्यालय पर पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य नियुक्त किए गए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के हरिद्वार आने पर काली सेना उनका विरोध करेगी। स्वामी विनोद महाराज ने कहा कि शंकराचार्य हिन्दू धर्म व सन्त समाज में सर्वोच पद माना जाता है। लेकिन जिस प्रकार जल्दबाजी में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य नियुक्त किया गया है। उससे कई प्रकार के विवाद खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानकों का उल्लंघन कर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को शंकाराचार्य बनाया गया है। शंकराचार्य जैसे सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाले संत को पद के योग्य होना चाहिए। उन्होंने दावा किया स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य पद के लिए जरूरी योग्यताओं को पूरा नहीं करते हैं। ऐसी कौन सी जल्दी आन पड़ी थी कि आनन फानन में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्वंय को शंकराचार्य घोषित कर दिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी व शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष आनंद स्वरूप भी इसका विरोध कर रहे हैं। सन्तो के विरोध को सर्मथन देते हुए काली सेना स्वामी अविमुक्तेशवरानन्द के हरिद्वार आगमन पर अपना विरोध प्रकट करेगी। जरूरत पड़ने पर सड़को पर भी उतरेगी। प्रैसवार्ता मे मनोज चौहान,चौधरी रमेश गुज्जर, चौधरी संदीप गुर्जर,चौधरी जगपाल सिंह गुर्जर,राजकुमार,राहुल त्यागी,अकित सिंह चौहान,सोनू चौहान, अंकित सिंह, अजय सिंह,चंद्रपाल,सूरजभान,दीपक शर्मा,दीपक राजपूत,बिट्टू,विजय अरोड़ा, विजय सैनी आदि भी मौजूद रहे।
हरिद्वार। काली सेना प्रमुख स्वामी विनोद महाराज ने जगजीतपुर स्थित कार्यालय पर पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य नियुक्त किए गए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के हरिद्वार आने पर काली सेना उनका विरोध करेगी। स्वामी विनोद महाराज ने कहा कि शंकराचार्य हिन्दू धर्म व सन्त समाज में सर्वोच पद माना जाता है। लेकिन जिस प्रकार जल्दबाजी में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य नियुक्त किया गया है। उससे कई प्रकार के विवाद खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानकों का उल्लंघन कर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को शंकाराचार्य बनाया गया है। शंकराचार्य जैसे सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाले संत को पद के योग्य होना चाहिए। उन्होंने दावा किया स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य पद के लिए जरूरी योग्यताओं को पूरा नहीं करते हैं। ऐसी कौन सी जल्दी आन पड़ी थी कि आनन फानन में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्वंय को शंकराचार्य घोषित कर दिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी व शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष आनंद स्वरूप भी इसका विरोध कर रहे हैं। सन्तो के विरोध को सर्मथन देते हुए काली सेना स्वामी अविमुक्तेशवरानन्द के हरिद्वार आगमन पर अपना विरोध प्रकट करेगी। जरूरत पड़ने पर सड़को पर भी उतरेगी। प्रैसवार्ता मे मनोज चौहान,चौधरी रमेश गुज्जर, चौधरी संदीप गुर्जर,चौधरी जगपाल सिंह गुर्जर,राजकुमार,राहुल त्यागी,अकित सिंह चौहान,सोनू चौहान, अंकित सिंह, अजय सिंह,चंद्रपाल,सूरजभान,दीपक शर्मा,दीपक राजपूत,बिट्टू,विजय अरोड़ा, विजय सैनी आदि भी मौजूद रहे।
Comments
Post a Comment