हरिद्वार। मां चंडी देवी मंदिर परमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा है कि नवरात्रि पर्व मां दुर्गा की अवधारणा भक्ति और परमात्मा की शक्ति की आराधना का सबसे शुभ और अनोखा पर्व है। जिस दौरान की गई मां की आराधना भक्तों को अमोघ फल प्रदान करती है। नील पर्वत स्थित सिद्ध स्थल मां चंडी देवी मंदिर के प्रांगण में नवरात्रि के छठे दिन मां चंडी देवी की आराधना के दौरान श्रद्धालु भक्तों को मां की महिमा का महत्व समझाते हुए महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि मां की महिमा अपरंपार है और मां चंडी देवी की आराधना करने से व्यक्ति के अंतःकरण की शुद्धि होती है और उसमें उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। व्यक्ति को अपना जीवन यदि भवसागर से पार लगाना है तो उसे मां के शरणागत होना चाहिए। मां अपने भक्तों से उसी प्रकार स्नेह करती है। जिस प्रकार एक मां अपने बच्चे का पालन पोषण करती है। मां की आराधना से व्यक्ति में सात्विक विचारों का आगमन होता है और उसमें धार्मिक ऊर्जा का संचार जागृत होता है। मां चंडी देवी अपने भक्तों पर नवरात्र के दौरान विशेष कृपा बरसाती है। यहां आने वाले हर साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस अवसर पर आचार्य पंडित ओमप्रकाश देशवाल,आचार्य पडित पंकज रतूड़ी,आचार्य पंडित नंदकिशोर भट्ट,आचार्य पंडित मनमोहन कंडवाल,आचार्यशशीकांत सतबोला,पंडित अमित बेलवाल शास्त्री,पंडित राजेश शास्त्री,अनुपम,सुनील कश्यप,राजेंद्र,संजय कश्यप,मोहित तोमर ,सुनील सिंह तोमर, तुलसी, दीपक, अवनीश त्रिपाठी, मनोज डोभाल आदि मौजूद रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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