हरिद्वार। अध्यात्म चेतना संघ द्वारा 10 नवम्बर को जनपद कई स्कूलों में आयोजित की जा रही श्रीमद ्भगवद् गीता ज्ञान प्रतियोगिता में पाँच हजार से भी अधिक छात्र-छात्रायें भाग लेंगे। ज्वालापुर में संस्था के संस्थापक संचालक आचार्य करूणेश के सानिध्य तथा नितिन गौतम की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रतियोगिता प्रभारी अरुण कुमार पाठक ने बताया कि, बच्चों में भारतीय संस्कृति एवम् अध्यात्म के प्रति अभिरुचि जागृत कराने के लिए अध्यात्म चेतना संघ द्वारा यह प्रतियोगिता विगत दस वर्षों से लगातार आयोजित की जा रही है। इस वर्ष अन्य वर्षों की अपेक्षा अधिक स्कूलों ने संस्था के अभियान में रुचि दिखाते हुए अपने स्कूलों के छात्र-छात्राओं को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है। प्रतियोगिता में देहली पब्लिक स्कूल, बाल मन्दिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, विद्या मन्दिर सेक्टर 5, शिवडेल पब्लिक स्कूल, सरस्वती विद्या मन्दिर रानीपुर, ज्वालापुर इंटर कॉलेज, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज ज्वालापुर,गुरु नानक एकेडमी रानीपुर, सरस्वती विद्या मन्दिर मायापुर, हरिराम आर्य इण्टर कॉलेज कनखल, एसडी कॉलेज कनखल, म्यूनिस्पिल इण्टर कॉलेज ज्वालापुर, दीक्षा राइजिंग स्कूल सुभाष नगर, डिवाइन लाइट स्कूल, जगजीतपुर, आर्मी पब्लिक स्कूल रायवाला सहित अन्य अनेक शिक्षण संस्थानों के छात्र छात्राएं सम्मिलित होंगें। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को 18 दिसम्बर को गौतम फार्म कनखल में आयोजित होने वाले विराट गीता महोत्सव में नकद पुरूस्कार प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त प्रत्येक स्कूल के सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगी को प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जाएगा। प्रतियोगिता की तैयारियों की जानकारी देते हुए आचार्य करुणेश मिश्र ने बताया कि प्रतियोगिता की तैयारी करने के लिये सभी प्रतियोगी विद्यार्थियों को श्रीमद्भगवद्गीता की मूल प्रति तथा मॉडल प्रश्न पत्र आनलाइन उपलब्ध करायें जा रहे हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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