हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय-विभाग, हरिद्वार उत्तराखण्ड के प्रणव चौधरी ने 37वे नेशनल जूनियर एथेलेटिक्स चौम्पियनशिप 2022 गुवाहाटी में आयोजित लम्बी कूद में 6.30 मी0 (20 फीट 8 इंच) जम्प लगाकर टॉप 12 में पहुच कर फाइनल में जगह बनाई। फाइनल मैच 15 नवंबर, 2022 को गुवाहाटी (असम) में सम्पन्न होग। प्रणव के इस उपलब्धि पर गुरूकुल परिवार में खुशी का माहोल बना हुआ है। सभी गुरूकुलवासी प्रणव की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई, शुभकामनाएं दी गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय-विभाग के मुख्य अधिष्ठाता डॉ दीनानाथ शर्मा ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद जी ने गुरुकुल की स्थापना करते समय यहाँ के विद्यार्थियों को खेल के लिए विशेष प्रोत्साहित किया था। आज इसी परंपरा में प्रणव चौधरी ने 37वे नेशनल जूनियर एथेलेटिक्स चौम्पियनशिप 2022 गुवाहाटी में गुरुकुल का परचम फहराया है। हरिद्वार लौटने पर विध्यालय में सम्मानित किया जाएगा। गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय-विभाग के सहायक अधिष्ठाता डॉ नवनीत परमार ने कहा कि खेलों की शृंखला में विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्रों को दैनिक खेलों का अभ्यास कराया जाता है जिससे छात्रों को खेलों के प्रति रुची बढ़े और राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर खेलों में भाग लेकर गुरुकुल का नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज करा सकें। मुख्याध्यापक डॉ॰ विजेन्द्र शास्त्री ने कहा कि गुरुकुल काँगड़ी विध्यालय प्रारम्भिक दौर से ही खेल के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान करता रहा है। यहाँ के छात्र लंबी कूद, कब्बड़ी और अन्य खेलों में राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर अपनी पहचान बनाते रहे है। वर्तमान में प्रणव चौधरी ने 37वे नेशनल जूनियर एथेलेटिक्स चौम्पियनशिप 2022 गुवाहाटी में टॉप 12 में पहुँचकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस अवसर पर जितेंद्र वर्मा, अशोक कुमार आर्य,डॉ0 योगेश शास्त्री,डॉ0 हुकमचन्द, अश्विनी कुमार, डॉ0 बृजेश कुमार,अमर सिंह, वेदपाल सिंह, राजकमल,दीपकमल,विजय कुमार,धर्म सिंह,गौरव शर्मा,सज्जन सिंह,धीरज कौशिक एवं मामराज पाल,समस्त अध्ष्ठिातागण एवं समस्त कर्मचारीगण ने प्रणव चौधरी को बधाई दी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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