हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विवि की छात्र प्रेरणा कार्यक्रम का शनिवार को सम्पन्न हो गया। छह दिवसीय इस प्रेरणा कार्यक्रम में मानविकी संकाय के स्नातक,स्नातकोत्तर,डिप्लोमा और पीएचडी छात्रों ने प्रतिभाग किया। छात्र प्रेरणा कार्यक्रम के समापन दिवस पर आयोजित भारतीय कानून व्यवस्था और हॉस्टल नियमावली विषयक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। विशेष व्याख्यान को प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विज्ञान विभाग के एसोसिएट डॉ.दिलीप कुमार कुशवाह ने कहा कि भारतीय संविधान में प्रदत्त मूल अधिकारों की प्राय चर्चा होती है लेकिन अधिकारों के साथ नागरिकों को कर्तव्यों का बोध होना भी अनिवार्य होता है क्योंकि बिना कर्तव्यों के पालन के अधिकारों का कोई औचित्य नहीं होता है। छात्र प्रेरणा कार्यक्रम में डीन, छात्र कल्याण डॉ.अरुण कुमार ने विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं की निदान के लिए विभिन्न प्रकोष्ठों की जानकारी छात्रों ने प्रदान की। इस अवसर पर डीन,मानविकी संकाय प्रो.राकेश जैन ने नव प्रवेशित छात्रों को सफल शैक्षणिक जीवन की बधाई एवं आशीर्वचन प्रदान किए। कार्यक्रम के समापन पर कार्यक्रम की रिपोर्ट का वाचन डॉ.अजित तोमर ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ.विपुल भट्ट ने प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ.दीपक सिंह ने किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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