हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विवि की छात्र प्रेरणा कार्यक्रम का शनिवार को सम्पन्न हो गया। छह दिवसीय इस प्रेरणा कार्यक्रम में मानविकी संकाय के स्नातक,स्नातकोत्तर,डिप्लोमा और पीएचडी छात्रों ने प्रतिभाग किया। छात्र प्रेरणा कार्यक्रम के समापन दिवस पर आयोजित भारतीय कानून व्यवस्था और हॉस्टल नियमावली विषयक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। विशेष व्याख्यान को प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विज्ञान विभाग के एसोसिएट डॉ.दिलीप कुमार कुशवाह ने कहा कि भारतीय संविधान में प्रदत्त मूल अधिकारों की प्राय चर्चा होती है लेकिन अधिकारों के साथ नागरिकों को कर्तव्यों का बोध होना भी अनिवार्य होता है क्योंकि बिना कर्तव्यों के पालन के अधिकारों का कोई औचित्य नहीं होता है। छात्र प्रेरणा कार्यक्रम में डीन, छात्र कल्याण डॉ.अरुण कुमार ने विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं की निदान के लिए विभिन्न प्रकोष्ठों की जानकारी छात्रों ने प्रदान की। इस अवसर पर डीन,मानविकी संकाय प्रो.राकेश जैन ने नव प्रवेशित छात्रों को सफल शैक्षणिक जीवन की बधाई एवं आशीर्वचन प्रदान किए। कार्यक्रम के समापन पर कार्यक्रम की रिपोर्ट का वाचन डॉ.अजित तोमर ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ.विपुल भट्ट ने प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ.दीपक सिंह ने किया।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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