हरिद्वार। गुरूनानक देव के 553वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के समापन पर अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव ंिसह महाराज के सानिध्य में गुरूग्रंथ साहिब का पाठ व शबद कीर्तन का आयोजन किया गया। उपस्थित श्रद्धालु संगत को संबोधित करते हुए श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि गुरु नानक देव ने सामाजिक असमानता को दूर करने में अहम योगदान किया। उन्होंने अपने सिध्दान्तों के प्रसार हेतु एक संन्यासी की तरह घर का त्याग कर दिया और लोगों को सत्य और प्रेम का संदेश दिया। उन्होंने पूरे देश का भ्रमण कर तत्कालीन समाज में व्याप्त अंधविश्वास पाखन्ड आदि का जमकर विरोध किया। गुरूनानक देव के विचार आज भी पूरी तरह प्रासंगिक हैं। सभी को उनके विचारों पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि संसार को परमात्मा से जोड़ने व सत्य का ज्ञान देने के लिए गुरूनानक देव ने चारों दिशाओं में विशेष यात्राएं की और संसार को ज्ञान का संदेश दिया। गुरूनानक देव का मानना थ कि विकारों से मुक्त होकर ही परमात्मा का प्राप्त किया जा सकता है। महंत प्यारा सिंह ने कहा कि गुरूनानक देव ने सभी धर्मो की सर्वोत्तम शिक्षाओं को शामिल कर सिख धर्म की स्थापना की। देश दुनिया का भ्रमण कर ज्ञान की ज्योति का प्रकाश करने वाले गुरूनानक देव की वाणी आज भी ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ में संगृहीत है। कार्यक्रम के उपरांत भोग प्रसाद और गरीबों को वस्त्र वितरित किए गए। इस अवसर पर महंत अमनदीप सिंह,महंत हरदेव सिंह,महंत हरबीर सिंह, बाबा निक्कुदास उदासीन,महंत निर्भय सिंह,महंत मनप्रीत सिंह, महंत गुरमीत सिंह, महंत खेम सिंह, संत जरनैल सिंह,संत मोहन देव,संत गुरप्रीत ंिसंह,संत हरजोध सिंह,संत गज्जन सिंह,संत जसकरण सिंह ,संत सहजदीप सिंह,संत दर्शन सिंह शास्त्री, महंत हरदेव सिंह, स्वामी महादेव सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
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