हरिद्वार। प्रेम प्रसंग में बाधा पहुंचाने पर प्रेमी के साथ षडयंत्र रचकर पति की हत्या कराने के मामले में पत्नी समेत दो को आरोपियों को दोषी पाते हुए पंचम अपर सत्र न्यायाधीश शेष चंद्र ने आजीवन कारावास व 75-75 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता अनुज कुमार ने बताया कि 18 सितंबर 2011को कोतवाली रुड़की क्षेत्र में रात नौ बजे मोटरसाइकिल सवार तीन हमलावरों ने इरफान पर फायरिंग कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। मौके पर लोग इकट्ठा हो गए थे। सूचना मिलने पर पुलिस वहां पर पहुंची थी। पुलिस ने इरफान को घायलावस्था में सरकारी अस्पताल रुड़की में इलाज के लिए भर्ती कराया था। जहां उसकी गंभीर हालत को देखकर चिकित्सक ने उसे हायर सेंटर चंडीगढ़ रेफर कर दिया था। इलाज के दौरान इरफान की मृत्यु हो गई थी। मृतक इरफान के पिता ने मृतक की पत्नी इमराना निवासी कटहैडा मंगलौर एवं शहनवाज उर्फ रुखसार पुत्र जमील निवासी थाना व कस्बा बेहट जिला सहारनपुर यूपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था। जांच के बाद पुलिस ने हत्यारोपी महिला इमराना व शहनवाज उर्फ रुखसार के खिलाफ षडयंत्र रचकर हत्या करने के आरोप में आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था। दोनों पक्षों की बहस सुनने तथा गवाही के आधार पर पंचम अपर सत्र न्यायाधीश ने मृतक की पत्नी इमराना और शाहनवाज उर्फ रुखसार को इरफान की हत्या करने का दोषी पाया है।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
Comments
Post a Comment