हरिद्वार। मंगलौर क्षेत्र में मामूली झगड़े को लेकर मारपीट, जान से मारने की धमकी और गैर इरादतन हत्या करने की आरोपी महिला,उसके पिता सतपाल और भाई विक्रम को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। प्रथम अपर जिला जज संजीव कुमार ने आरोपी महिला समेत तीनों को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा न करने पर प्रत्येक को एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतने के आदेश दिए हैं। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुकर्मपाल सिंह अढानिया ने बताया कि आठ अप्रैल 2013 को मौहम्मदपुर जट गांव निवासी शिकायतकर्ता सीताराम की बहन शिमला खेत की पानी की नाली में अपने पैर धो रही थी। तभी वहां पर गांव की रहने वाली आरोपी मांगी पुत्री सतपाल से कहासुनी हुई। कहासुनी पर आरोपी मांगी ने उसे गालियां देकर उसके दो थप्पड़ मार दिए थे। वहां से पीड़ित शिमला अपने घेर में पहुंची। घेर में मौजूद अपने पुत्र संदीप को आपबीती बताई। संदीप के घटना के बारे मे पूछताछ करने पर सभी आरोपी मांगी, उसका पिता सतपाल व भाई विक्रम शिकायतकर्ता के घेर में गाली गलौज करते हुए घुस आए। वहां मौजूद पीड़ित शिमला व उसके पुत्र संदीप के साथ लाठी डंडों से मारपीट कर पुलिस को शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। इसके थोड़ी देर बाद सभी आरोपियों ने रास्ते में पीड़ित संदीप को घेर कर मारपीट व जान से मारने की धमकी दी थी। जिसपर शिकायतकर्ता ने अपने परिजनों के साथ पीड़ित शिमला व उसके पुत्र संदीप को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन इलाज के दौरान पीड़ित शिमला की मृत्यु हो गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोपी महिला मांगी, उसके पिता सतपाल व भाई विक्रम के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले में जांच करने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था। इससे पूर्व पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार जेल भेज दिया था। सरकारी अधिवक्ता ने साक्ष्य में ग्यारह गवाह पेश किए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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