हरिद्वार। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में श्रीमद् भागवत कथा का विभिन्न स्थान पर आयोजन हो रहा है, गुजरात के श्रद्धालु भक्तों से श्रवणनाथ नगर स्थित भाटिया भवन भरा हुआ है। भाटिया भवन में 2 नवम्बर से 8 नवम्बर तक मुंबई घाटकोपर से आए हुए श्रद्धालु भक्तों को भागवत कथा के व्यास आचार्य प्रवीण भाई श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करा रहे हैं। जिसके मुख्य यजमान हरीश भाई, किरण भाई है पंचम दिवस की कथा श्रवण कराते हुए कथा व्यास आचार्य प्रवीण भाई ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा भगवान श्रीहरि का वांग्मय स्वरूप है गंगा तट पर श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करना पुण्य दायक है। उन्होंने कहा कि कार्तिक माह भगवान श्रीहरि को समर्पित है जिसे दामोदर मास भी कहते हैं। उन्होंने भगवान श्रीहरि के दामोदर नाम का वर्णन करते हुए कहा कि इसी माह में भगवान श्रीकृष्ण को माता यशोदा ने मूसल से बांधा था जिस कारण भगवान का एक नाम दामोदर भी पड़ा। दाम का अर्थ रस्सी होता है और रस्सी से भगवान का उदर पेट बाधा गया था जिस कारण दामोदर नाम पड़ा। माता यशोदा ने भगवान श्रीकृष्ण को रस्सी से इसी माह में बांधा था इसलिए कार्तिक मास को दामोदर मास भी कहते हैं। उन्होंने कहा कि उस मूसल से ही भगवान श्रीकृष्ण ने देव पुत्रों का उद्धार किया था जो आंगन में वृक्ष बनकर खड़े थे। कथा के सूत्रधार मयूर भाई पटेल ने बताया कि प्रतिवर्ष गुजरात के विभिन्न स्थानों से आकर गुजराती भाटिया भवन में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करते हैं। विशेषकर कार्तिक मास, अधिक मास एवं पितृपक्ष में यहां पर इस प्रकार के आयोजन होते रहते हैं। हम भी कई बार आकर श्रीमद् भागवत कथा, शिव कथा, राम कथा का भाटिया भवन में आयोजन कर चुके हैं। कथा के मध्य स्थानीय लोगों का भी बड़ी संख्या में आगमन हो रहा है।
हरिद्वार। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में श्रीमद् भागवत कथा का विभिन्न स्थान पर आयोजन हो रहा है, गुजरात के श्रद्धालु भक्तों से श्रवणनाथ नगर स्थित भाटिया भवन भरा हुआ है। भाटिया भवन में 2 नवम्बर से 8 नवम्बर तक मुंबई घाटकोपर से आए हुए श्रद्धालु भक्तों को भागवत कथा के व्यास आचार्य प्रवीण भाई श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करा रहे हैं। जिसके मुख्य यजमान हरीश भाई, किरण भाई है पंचम दिवस की कथा श्रवण कराते हुए कथा व्यास आचार्य प्रवीण भाई ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा भगवान श्रीहरि का वांग्मय स्वरूप है गंगा तट पर श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करना पुण्य दायक है। उन्होंने कहा कि कार्तिक माह भगवान श्रीहरि को समर्पित है जिसे दामोदर मास भी कहते हैं। उन्होंने भगवान श्रीहरि के दामोदर नाम का वर्णन करते हुए कहा कि इसी माह में भगवान श्रीकृष्ण को माता यशोदा ने मूसल से बांधा था जिस कारण भगवान का एक नाम दामोदर भी पड़ा। दाम का अर्थ रस्सी होता है और रस्सी से भगवान का उदर पेट बाधा गया था जिस कारण दामोदर नाम पड़ा। माता यशोदा ने भगवान श्रीकृष्ण को रस्सी से इसी माह में बांधा था इसलिए कार्तिक मास को दामोदर मास भी कहते हैं। उन्होंने कहा कि उस मूसल से ही भगवान श्रीकृष्ण ने देव पुत्रों का उद्धार किया था जो आंगन में वृक्ष बनकर खड़े थे। कथा के सूत्रधार मयूर भाई पटेल ने बताया कि प्रतिवर्ष गुजरात के विभिन्न स्थानों से आकर गुजराती भाटिया भवन में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करते हैं। विशेषकर कार्तिक मास, अधिक मास एवं पितृपक्ष में यहां पर इस प्रकार के आयोजन होते रहते हैं। हम भी कई बार आकर श्रीमद् भागवत कथा, शिव कथा, राम कथा का भाटिया भवन में आयोजन कर चुके हैं। कथा के मध्य स्थानीय लोगों का भी बड़ी संख्या में आगमन हो रहा है।
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