हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में वेदों में अध्यात्म विषय पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता आर्य समाज के डॉ. विधेय योगी ने अध्यात्म के शास्त्रीय स्रोतों पर प्रकाश डालते हुए उसके व्यावहारिक अर्थों को प्रस्तुत किया। उन्होंने जीवन में अध्यात्म की आवश्यकता को समझाते हुए कहा कि मानव के लिए सबसे अधिक मूल्यवान शांति है और शांति अध्यात्म का ही प्रतिफल है। रुचिकर कथाओं के माध्यम से उन्होंने बताया कि आचार-विचार की शुचिता अध्यात्म का केंद्रीय तत्व है। मन का आत्मा के नियंत्रण में होने एवं प्रवृत्ति से निवृत्ति की ओर जाने की प्रक्रिया का नाम ही अध्यात्म है। व्याख्यान में विभिन्न श्रोताओं ने भी अपनी आध्यात्मिक जिज्ञासा प्रश्नों के माध्यम डॉ. योगी के सम्मुख प्रस्तुत की। जिसका उन्होंने अत्यंत ही सहज, सरल एवं व्यावहारिक समाधान प्रदान किया। व्याख्यान के सत्र का संचालन डॉ. बबलू वेदालंकार ने किया। डॉ. भारत वेदालंकार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में डॉ. विपिन बालियान, डॉ. मीरा त्यागी, डॉ. मनोज कुमार, आशीष कुमार एवं विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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