हरिद्वार। ट्रेनों में धक्के खाना पूर्वाचल के लोगों की नियति बन गया है। पर्व त्यौहारों पर घर आने जाने के लिए ना तो फ्लाईट है न बस और न ही ट्रेन। ऐसे में अधिकांश मौकों पर चाहकर भी लोग घर नहीं पहूंच पाते है। समान्य वर्ग के लिए रेलयात्रा ही सुरक्षित और आरामदायक यात्रा है। लेकिन मजबूरी यह है कि तीर्थनगरी हरिद्वार से नार्थ ईस्ट को जोड़ने वाली सीधी रेल सेवा उपलब्ध नहीं है। रेलयात्रियों को मुरादाबाद,दिल्ली,पं दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन सहित अन्य स्टेशनों से ट्रेन बदलनी पड़ती है। इससे यात्रा में असुविधा और समय ज्यादा लगता है। रेलयात्रियों को भारी कीमत चुकाने के बावजूद जोखिम उठाना पड़ता है। कंफर्म सीट के नाम पर दलाल उगाही कर रहे है। क्योंकि बिना दलालों के कंफर्म सीट मिल ही नहीं सकती। दिक्कत यह है कि कंफर्म सीट होने के बावजूद बेतहाशा भीड़ के चलते खड़े होकर यात्रा करनी पड़ती है। बच्चों और बूढ़ों के साथ सफर करना और भी मुश्किल है। ऐसे में पूर्वांचल उत्थान संस्था ने रेल मंत्री से हरिद्वार से नार्थ ईस्ट के लिए सीधी रेल सेवा बहाल करने की मांग की है। इसके साथ ही संस्था की ओर से देहरादून,मुज्जफरपुर राप्ती गंगा सुपर फास्ट एक्सप्रेस को दैनिक करने के साथ दरभंगा सुपौल होते हुए सहरसा तक विस्तार करने, हरिद्वार से मुरादाबाद लखनऊ के लिए सवेरे ट्रेन चलाने,देहरादून वाराणसी जनता एक्सप्रेस को बलिया छपरा होते हुए समस्तीपुर,बरौनी तक चलाने,देहरादून हावड़ा उपासना सुपर फास्ट एक्सप्रेस को जमालपुर भागलपुर के रास्ते सप्ताह में दो दिन चलाने की गुहार लगाई है। संस्था की ओर से सीए आशुतोष पांडे,बीएन राय,रंजीता झा,प्रशांत राय,रामसागर जायसवाल ,रामसागर यादव विभास मिश्रा,काली प्रसाद साह,विष्णुदेव ठेकेदार अनिल झा,दीपक कुमार झा ,श्रीनाथ प्रसाद ओझा,संतोष कुमार,रूप लाल यादव,संतोष यादव, प्रमोद यादव, केएन झा,देवेंद्र झा,शंकर झा,भगवान झा,हिमांशु झा,दिलीप कुमार झा,पं भोगेंद्र झा,अबधेश झा,पंविनय मिश्रा ,आचार्य उद्धव मिश्रा,डॉनारायण पंडित,डॉनिरंजन मिश्रा,प्रकाश कुमार झा,अमरनाथ झा,विनोद शाह,धर्मेंद्र शाह,राजकुमार मुखर्जी,मिथलेश चौधरी,हरिशंकर चौधरी, पंकज मिश्रा,अमन झा,शुभम झा,नमन झा सहित बड़ी संख्या में पूर्वांचलवासियों ने रेल मंत्री से अपनी मांगों पर कार्रवाई का निवेदन किया है।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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