हरिद्वार। जनपद में बाल गणना की तैयारियों को लेकर मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने जिला कार्यालय सभागार में जनपद स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिये कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उल्लिखित दिशा-निर्देशों के तहत 3 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों का घर-घर जाकर सर्वेक्षण कार्य करना सुनिश्चित करें। मंगलवार को आयोजित बाल गणना हेतु गठित जिला स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में शामिल अधिकारियों, सदस्यों को निर्देश दिये कि बाल गणना का कार्य आपसी समन्वय व टीम भावना के साथ मिशन मोड पर समय से पूरा करें। सीडीओ ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गयी है। कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुसार 3 से 18 वर्ष के शत प्रतिशत बच्चों का विद्यालय में नामांकन एवं उनके ठहराव को सुनिश्चित किया जाना है। जिस हेतु समिति के सभी सदस्य,अधिकारियों,शिक्षा,बाल विकास,पंचायतराज श्रम विभाग को संयुक्त रुप से ठीम भावना के साथ कार्य करने की आवश्यता है। मुख्य विकास अधिकारी ने समिति को निर्देश दिये कि शहरी निकायों के वार्डो, बस्तियों व वन क्षेत्रों में निवासरत परिवारों की बालगणना अनिवार्य रुप से की जाए,ताकि उस क्षेत्र में स्थाई निवास व अस्थाई निवास करने वाले अनाथ,विधवा अथवा तलाकशुदा माता पर आश्रित,घुमन्तु प्रवासीय,कूड़ा बीनने वाले, भीख मांगने वाले, मलिन बस्ती में रहने वाले,श्रम कार्य में संलग्न, एचआईवी पीड़ित माता-पिता के बच्चें तथा ऐसे बच्चे जिन्होने कोविड महामारी के दौरान अपने माता-पिता को खो दिया है, आदि बच्चों का स्पष्ट आंकडा प्राप्त हो सके। बालगणना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सीडीओ ने समिति के सदस्यों को निर्देश दिये कि समाज के जागरुक व्यक्तियों, स्वैच्छिक संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए पारदर्शी तरीके से गणना का कार्य सम्पन करें। बैठक में जिला शिक्षाधिकारी एसपी सेमवाल,सहायक विद्यालय लेखा अधिकारी माया देवी,जिला पंचायतराज अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा सहगल,डीपीआरओ अतुल प्रताप, सहित समिति के अन्य सदस्य व अधिकारी उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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