हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विवि में आयोजित छात्र प्रेरणा कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य वक्ता डॉ.उधम सिंह ने कहा कि यद्यपि गुरुकुल विवि में रैगिंग पूर्णतः निषिद्ध है,परन्तु किसी भी छात्र को रैगिंग,जातीय और यौन उत्पीड़न होने की दशा में संकोच नहीं करना चाहिए,बल्कि उन्हें विश्वविद्यालय के संबंधित शिकायत प्रकोष्ठ में इसकी शिकायत करनी चाहिए। विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसी शिकायतों पर त्वरित कठोर कार्रवाई करता है। डॉ.उधम सिंह ने पावर प्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से छात्रों को रैगिंग, जातीय एवं यौन उत्पीड़न निषेध के विश्वविद्यालय स्तर के प्रावधानों और नियमों के बारे विस्तार से जानकारी दी। डॉ. उधम सिंह ने कहा कि यूजीसी के द्वारा भी रैगिंग, जातीय और यौन उत्पीड़न संबंधित शिकायतों की मॉनिटरिंग की जाती है। छात्र सीधे यूजीसी के रैगिंग, जातीय एवं यौन उत्पीड़न शिकायत पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। कार्यक्रम संयोजक डॉ. दीपक सिंह ने बताया कि छात्र प्रेरणा कार्यक्रम का उद्देश्य नवप्रवेशित छात्रों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करना है, ताकि वे उच्च शिक्षा को सुगमतापूर्वक ग्रहण कर सके और विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपरा का अंग बन सके। छात्र प्रेरणा कार्यक्रम के विशेष सत्र में अँग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अरुण सिंह अवाना ने नव प्रवेशित छात्रों को मानवीय आवश्यकताओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। अरुण सिंह अवाना ने कहा कि पश्चिम के मनोवैज्ञानिक अब्राहम मैस्लो ने मानवीय आवश्यकताओं का वर्गीकरण किया था। इस अवसर पर मानविकी संकाय के शिक्षक डॉ.विपुल भट्ट, डॉ.अजित तोमर,डॉ.वरुण बक्शी,अरुण सिंह अवाना, डॉ.अनुज कुमार, डॉ.नवीन पन्त,डॉ.राम मोहन पाण्डेय एवं कार्यक्रम सह-संयोजक सुनील कुमार आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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