हरिद्वार। प्रयागराज स्थित वाघंबरी गद्दी के श्रीमहंत बलवीर गिरी महाराज ने कहा कि मां गंगा सनातन धर्म व संस्कृति का गौरव हैं। मां गंगा की आराधना करने के साथ प्रत्येक व्यक्ति को गंगा की निर्मलता व अविरलता बनाए रखने के प्रति भी जागरूक रहना चाहिए। निरंजनी अखाड़े में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत बलवीर गिरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म व संस्कृति पूरे विश्व में अद्वितीय है। देश दुनिया के लोग सनातन संस्कृति को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष लाखों लोग गंगा स्नान के लिए हरिद्वार आते हैं। ऐसे में गंगा घाटों को स्वच्छ बनाए रखने में सभी को सहयोग करना चाहिए। किसी भी प्रकार का अवशिष्ट, पॉलीथीन, पुराने कपड़े आदि गंगा में ना डालें। गंगा को निर्मल अविरल बनाए रखने में सहयोग करें। महंत हरगोविंद पुरी महाराज ने कहा कि धर्म संस्कृति के क्षेत्र में संत समाज निर्णायक भूमिका निभा रहा है। श्रद्धालु भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर समाज उत्थान में अपना सहयोग प्रदान कर रहा है। निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी एवं महंत केशवपुरी महाराज ने कहा कि संतों के सानिध्य में ही धर्म का प्रचार प्रसार देश दुनिया में हो रहा है। अपनी संस्कृति के प्रति प्रत्येक नागरिक को जागरूक रहना चाहिए। इस अवसर पर श्रीमहंत केशव पुरी,श्रीमहंत शिववन,श्रीमहंत नरेश गिरि,श्रीमहंत सुखदेव पुरी,उपमहंत राजगिरि ,राकेश गिरि, रघुवन, सतीश वन, आशुतोष पुरी, महंत रविपुरी, एसएमजेएन कॉलेज के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा,डा.विशाल गर्ग,मनसा देवी मंदिर के ट्रस्टी अनिल शर्मा, बिंदु गिरि, मनोज मंत्री,टीना टुटेजा, सुंदर राठौर,प्रतीक सूरी,संदीप अग्रवाल,विनय कुमार आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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