हरिद्वार। हरिद्वार मुक्केबाजी संघ ने बैठक कर शनिवार से आयोजित की जा रही दो दिवसीय जिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक को संबोधित करते हुए मुक्केबाजी संघ के जिला अध्यक्ष डा.विशाल गर्ग ने कहा कि अभी तक 170 खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए पंजीकरण कराया है। जिनमें अधिकांश प्रतिभागी मिनी एवं जूनियर सब वर्ग से हैं। डा.विशाल गर्ग ने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के यह छोटे बच्चे आगे चलकर हरिद्वार व उत्तराखण्ड का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य हरिद्वार के बालक बालिकाओं को मुक्केबाजी खेल के प्रति प्रेरित करना है। मुक्केबाजी के खिलाड़ी खेल कोटे से सेना, पुलिस में भर्ती हो सकते हैं। सह सचिव सुधीर जोशी ने बताया कि प्रतिभाग करने वाले सभी खिलाड़ियों के लिए ट्रैक सूट एवं टी-शर्ट की व्यवस्था की गई है। विजेता खिलाड़ियों को मेडल एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। कोषाध्यक्ष मयंक शर्मा ने कहा कि हरिद्वार मुक्केबाजी संघ विगत 7 वर्षों से हरिद्वार में मुक्केबाजी खेल को ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। संघ द्वारा पांच केंद्रों पर बच्चों को मुक्केबाजी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बैठक में उपस्थित शिखा चौहान ने कहा कि संघ के प्रयासों से बालिकाओं का रूझान भी मुक्केबाजी के प्रति बढ़ रहा है। प्रशिक्षण ले रही बालिकाएं हरिद्वार एवं उत्तराखंड का नाम राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करेंगी। सचिव नवीन चौहान ने बताया कि मुक्केबाजी खेल से शारीरिक एवं मानसिक क्षमताओं का विकास होता है। उन्होंने कहा कि सभी बालक एवं बालिकाओं को मुक्केबाजी का प्रशिक्षण अवश्य लेना चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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