हरिद्वार। कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र की एक युवती ने अपने एक पूर्व सहकर्मी पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। पीड़िता का यह भी आरोप है कि आरोपी युवक ने उसका गर्भपात करा कर उसकी वीडियो वायरल कर देने की धमकी देकर उससे हजारों रूपये की रकम भी वसूली कर ली। इस संबंध में पीड़िता की शिकायत पर कोतवाली ज्वालापुर पुलिस ने प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार कोतवाली ज्वालापुर में मुकदमा दर्ज कराते हुए पीड़ित युवती ने आरोप लगाया है कि वह ज्वालापुर क्षेत्रान्गर्त एक ऑटोमोबाइल शोरूम में कार्यरत है। वर्ष 2019 में उसकी मुलाकात गुरमीत सिंह निवासी बमनपुरी सितारगंज उधमसिंह नगर से हुई थी। आरोप है कि युवक ने खुद को अविवाहित बताते हुए शादी का झांसा देकर युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाए। आरोप है कि इस दौरान चार माह की गर्भवती हो गई, जिसके बाद आरोपी ने कनखल के एक अस्पताल में ले जाकर धोखे से दवाई खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया। पीड़िता के अनुसार गर्भपात के बाद आरोपी उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। जिसके बाद वह पिता के बीमार होने की बात कहकर नौकरी छोड़कर चला गया। काफी समय बाद पीड़िता उधमसिंह नगर स्थित उसके घर पहुंची तो पता चला कि वह पूर्व से शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं। आरोप है कि उसके सुखवंत उर्फ सोनू ने उसे बुरी तरह पीटा,। फिर गुरमीत ने अपने दोस्त के साथ मिलकर खाने में नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ मारपीट की। आरोप है कि कुछ समय बाद आरोपी व्यक्ति अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर 75000 हजार रूपये की रकम भी ले ली है। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी के अनुसार मामले में प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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