हरिद्वार। जर्स कन्ट्री सोसाइटी में एक निःशुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर का आयोजन प्राणायतन आयुर्वेद एवं पंचकर्म सेंटर के द्वारा किया गया, जिसमें सभी रोगियों की निशुल्क शुगर की जांच की गई। शिविर का प्रारंभ मानव अधिकार संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मधुसूदन आर्य ने दीप प्रज्वलित करके द्वारा किया शिविर में लगभग 40 रोगियों की निशुल्क जांच और उन्हें जटिल रोगों के लिए परामर्श प्राणायतन आयुर्वेद सेंटर की डायरेक्टर और ऋषिकुल कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मनीषा दीक्षित द्वारा प्रदान किया गया। इस शिविर में रोगियों को विभिन्न रोगों के निवारण हेतु पंचकर्म चिकित्सा पद्धति के विषय में भी बताया गया। साथ ही मरीजों को जांच कर शुगर से बचने के लिए परामर्श दिया। डॉ मनीषा दीक्षित, एसोसिएट प्रोफेसर, ऋषिकुल कालेज ने कहा कि मधुमेह एक क्रोनिक बीमारी है जो आपके पूरे शरीर को प्रभावित करती है। डायबिटीज तब होता है जब आपका अग्नाशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में असमर्थ होता है या उस समय होता है जब शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है। इस चिकित्सा शिविर में जितेंद्र कुमार शर्मा, अमित चौहान, डॉ प्रफुल्ल दीक्षित, सुरेश चंद गुप्ता और डॉ वर्षा ने विशेष सहयोग प्रदान किया
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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