हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए राज्य की प्रगति, उन्नति एवं राज्य वासियों की खुशहाली की कामना की। गंगा में दुग्धाभिषेक कर उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि राज्य के लोगों के लंबे संघर्ष के बाद अलग राज्य के रूप में उत्तराखण्ड का गठन होने के बाद से ही प्रदेश निरंतर सफलता की ऊंचाईयों को छू रहा है। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड जल्द ही देश का सबसे अधिक विकसित राज्य होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। योजनाओं का लाभ पात्रों को मिल रहा हैं। भ्रष्टाचार पर रोक लगी है। मां गंगा व मां मनसा देवी के आर्शीवाद से उत्तराखण्ड सबसे खुशहाल राज्य बनेगा। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने भी राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए लोगों की उन्नति व खुशहाली की कामना की। राज्य स्थापना दिवस पर अखाड़े के संतों ने जमकर आतिशबाजी की और मिठाईयां बांटी।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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