हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने स्थानीय विक्रेता और उसके सर्विस सेंटर के प्रतिनिधियों को सेवा में कमी करने का दोषी पाया है। आयोग ने स्थानीय विक्रेता तथा सर्विस सेंटर को प्रश्नगत दो पहिया वाहन कीमत 58 हजार 334 रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से,क्षतिपूर्ति, शिकायत खर्च व अधिवक्ता की फीस के रूप में 10 हजार रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।पथरी क्षेत्र के गांव ऐथल निवासी शिकायतकर्ता साजिद ने स्थानीय विक्रेताध्डीलर मलिक ऑटोमोबाइल लक्सर रोड धनपुरा, सर्विस सेंटर सतनाम ऑटो आर्यनगर ज्वालापुर और टीवीएस मोटर कम्पनी लिमिटेड चेन्नई के खिलाफ एक शिकायत दायर की थी। दायर शिकायत में बताया था कि उसने स्थानीय विक्रेता से कम्पनी निर्मित एक मोटरसाइकिल 58 हजार 334 रुपये में खरीदी थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि तीनों ने उसे खराब होने पर वारंटी अवधि में निशुल्क ठीक कराने का वादा किया था।लेकिन वारंटी अवधि में उक्त मोटरसाइकिल में तीसरे गियर में डालते ही आवाज आनी शुरू हो गई थी। स्थानीय सर्विस सेंटर को शिकायत की। जिस पर सर्विस सेंटर के मैकेनिक ने रिपेयर कर 1333 रुपये चार्ज लिया था। लेकिन दोबारा फिर वही समस्या बनी रही। इसके बाद दोबारा मैकेनिक ने रिपेयर कर 16 सौ रुपये चार्ज लिए थे। दो बार उक्त मोटरसाइकिल को ठीक कराने के बाद वही समस्या बनी रही। जबकि शिकायतकर्ता ने उक्त दोपहिया वाहन की सभी सर्विस कम्पनी के सर्विस सेंटर पर कराई थी। कोई संतोषजनक कार्यवाही नही होने पर थक हारकर शिकायतकर्ता ने आयोग की शरण ली थी। शिकायत की सुनवाई करने के बाद आयोग अध्यक्ष कंवरसेन, सदस्य अंजना चड्डा और विपिन कुमार ने स्थानीय विक्रेता तथा सर्विस सेंटर को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी ठहराया है। वहीं, वाहन निर्माता कम्पनी के विरुद्ध शिकायत निरस्त कर दी गई है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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