हरिद्वार। सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग, भारत सरकार तथा अर्थ एवं संख्या निदेशालय, उत्तराखंड, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में होटल विनायक ग्रैंड, शिवालिक नगर, हरिद्वार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य औधोगिक उत्पादन सूचकांक, वार्षिक उद्योग सर्वे तथा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के संबंध में उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों को जागरूक करना है। इस कार्यशाला में निदेशक अर्थ एवं संख्या श्री सुशील कुमार द्वारा औधोगिक उत्पादन सूचकांक, वार्षिक उद्योग सर्वे तथा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के संबंध में सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के संबंध में उद्योग विभाग द्वारा विस्तार से उद्योग प्रतिनिधियों को सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया गया। इस मौके पर अर्थ एवं संख्या निदेशालय से उप निदेशक श्रीमती रश्मि हलधर द्वारा औधौगिक उत्पादन सूचकांक को तैयार करने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर उप निदेशक, अर्थ एवं संख्या, गढ़वाल मंडल,टी एस अन्ना ,जिला अर्थ एवं संखाधिकारी श्रीमती नलिनी ध्यानी,सतेंद्र अग्रवाल, अपर अर्थएवं संख्याधिकारी सुभाष सिंह शाक्य,अपर सांख्यिकीय अधिकारी अरविंद यादव,नवीन चौहान, आलोक कुमार, आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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