हरिद्वार। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट द्वारा एक वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार की अध्यक्षता इं0 मधुसूदन अग्रवाल व संचालन राष्ट्रीय मंत्री जितेन्द्र कुमार शर्मा ने किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष इं0 मधुसूदन अग्रवाल ने मानव अधिकारों पर प्रकाश डाला तथा उन्होंने कहा समिति मानव अधिकार के चार सूत्रों पर कार्य कर रही है, जागरूकता, कर्तव्य, अधिकार और सेवा। उन्होंने कहा कि मानव अधिकार वे अधिकार है जो किसी को मानव होने के नाते मिलने चाहिए। ये प्रत्येक व्यक्ति के मूलभूत अधिकार है। मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के भाग (2)(1)(क) मानव अधिकार को जीवन स्वतंत्रता, समानता और व्यक्ति की गरिमा से जुड़े उन अधिकारों के रूप में परिभाषित किया गया है जिन्हें भारतीय संविधान द्वारा प्राप्त है जो अन्तराष्ट्रीय समझोते में निहित है। भारत में न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय है। प्रान्तीय उपाध्यक्ष उत्तराखंड पश्चिम की रेखा नेगी ने मानव अधिकार का केन्द्रीय बिन्दु सर्वे भवन्तु सुखिनः है। अनुशासित व्यक्ति दूसरे के मानव अधिकारों के हनन के बारे में कभी सोच नहीं सकता। अनुशासन ही सामाजिक जीवन का आधार स्तम्भ है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (महिला विंग) शोभा शर्मा ने कहा कि मानव अधिकार की अवधारणा कर्तव्य की चर्चा के बिना अधूरी है। अधिकार और कर्तव्य एक सिक्के के दो पहलू है। समाज में ठीक तालमेल बिठाने के लिए अधिकार और कर्तव्य का साथ-साथ होना आवश्यक है। यदि हम अपने कर्तव्यों को ठीक ढ़ंग से पालन करे तभी दूसरों के मानव अधिकारों की रक्षा हो सकेगी। हम किसी का न तो शोषण करें ओर न ही पीड़ा पहुंचाये। यही मानव धर्म को निभाने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है। राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष डा0 सपना बंसल ने कहा कि भ्रष्टाचार व आधुनिक शिक्षा में संस्कारों की उपेक्षा,जीवनचर्या यम-नियम का पालन न करना मानव अधिकारों के उल्लेख का मुख्य कारण है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के प्राथमिक कार्य मानवाधिकार उल्लंघन के मानकों की जांच करना है। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुरेश चन्द्र गुप्ता ने कहा भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग कार्य कर रहा है। आयोग में विभिन्न प्रकार की शिकायतें आती रहती है। वेबीनार में जगदीश लाल पाहवा, मीडिया प्रभारी हेमन्त सिंह नेगी,पंकज कौशिक, कुलभूषण शर्मा, एस0एस0 त्यागी,विनोद मित्तल,कमला जोशी,राजीव राय,नानकचन्द्र गोयल, अशोक कुमार गुप्ता, विमल कुमार गर्ग,राकेश अरोड़ा, भारती सिंह, धनप्रकाश गोयल, रोहित, जगदीश बावला, इं0 रूचिर कुमार,डा0 शिवि अग्रवाल,अंकुर गोयल,अर्चना सिंघल,ऊषा शर्मा,दिशी गर्ग,अश्वनी सिंह उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment