हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में ज्वालापुर स्थित बसंत बिहार कॉलोनी में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा प्रवचन के छठे दिन कथा व्यास पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने देव उत्थान एकादशी के पावन अवसर पर तुलसी एवं शालिग्राम भगवान विवाह महोत्सव की कथा का श्रवण कराते हुए बताया कि शंखचूड़ नामक असुर के अत्याचार से संत, भक्त, देवता, ऋषि सभी दुखी थे। सभी ने भगवान शिव की स्तुति कर उनसे शंखचूड़ संहार करने की प्रार्थना की। भगवान शिव ने कहा कि शंखचूड़ की पत्नी तुलसी पतिव्रता है। इसलिए उसको मारना संभव नहीं है। भगवान नारायण ही इसका कुछ उपाय कर सकते हैं। इस पर सभी ने भगवान नारायण की स्तुति की। भगवान नारायण ने भगवान शिव से कहा आप शंखचूड़ के साथ युद्ध कीजिए। इधर भगवान शिव एवं शंखचूड़ का युद्ध प्रारंभ हुआ। उधर भगवान नारायण शंखचूड़ का ही रूप धारण करके तुलसी के पास पहुंचे और रात्रि विश्राम किया। तुलसी का पति व्रत भंग हुआ और भगवान शिव के द्वारा शंखचूड़ का वध हुआ। तुलसी को जब इस बात का पता चला तो तुलसी ने भगवान नारायण को श्राप दिया कि आप पाषाण बन जाओ पत्थर बन जाओ। भगवान नारायण ने उस श्राप को स्वीकार करते हुए तुलसी को वरदान दिया कि तुम्हारे जो केश हैं तुलसी का पौधे के रूप में एवं तुम्हारा जो शरीर है वह गंडकी नदी के रूप में प्रणीत होगा और तुम्हारे श्राप के अनुसार शालिग्राम के रूप में गंडकी नदी में हमेशा निवास करूंगा और बिना तुलसी दल के कुछ भी स्वीकार नहीं करूंगा। जो आज के दिन तुलसी एवं शालिग्राम का विवाह महोत्सव धूमधाम के साथ मनाएगा उसको अश्वमेध यज्ञ का फल प्रदान करूंगा। शास्त्री जी ने बताया तभी से देव उत्थान एकादशी के पावन अवसर पर भक्त धूमधाम के साथ तुलसी एवं शालिग्राम का विवाह महोत्सव मनाते हैं। श्रीमद्भागवत कथा के पावन अवसर पर सभी भक्तों ने तुलसी एवं शालिग्राम भगवान का विवाह महोत्सव मनाया और भगवान से प्रार्थना की कि सभी के घरों में सुख समृद्धि धन धान्य आरोग्य की वृद्धि हो। इस दौरान विधायक मदन कौशिक एवं मुख्य यजमान स्वेता दर्गन, दीपिका, हर्षित गोयल, स्वाति गोयल, रघुवीर कौर, राजवंश अंजू, लवी कौर, अंजू पांधी, शीतल अरोड़ा, सिंपी धवन, सागर धवन, संजय, लता, मंजू गोयल, तिलक राज, श्रीमती शांति दर्गन, श्रीमती बीना धवन, प्रमोद पांधी, विजेंद्र गोयल, मीनू शर्मा, सुनीता आदि ने व्यास पूजन किया।
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