हरिद्वार। ब्रह्मलीन स्वामी गोरक्षानन्द सरस्वती का 110वां अवतरण दिवस भूपतवाला स्थित गौरक्षानन्द भक्ति आश्रम में संत समाज के सानिध्य में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आश्रम के महंत एवं ब्रह्मलीन स्वामी गोरक्षानन्द सरस्वती के शिष्य स्वामी विद्यानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले पूज्य ब्रह्मलीन गुरूदेव स्वामी गोरक्षानन्द सरस्वती ने जीवन पर्यन्त श्रद्धालु भक्तों को गौ संरक्षण संवर्द्धन के लिए प्रेरित किया। उनकी प्रेरणा से लाखों श्रद्धालु भक्त गौ सेवा में योगदान कर रहे हैं। स्वामी विद्यानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए आश्रम के सेवा प्रकल्पों का विस्तार करने के साथ उनके अधूरे कार्यो को पूरा किया जा रहा है। पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी गौरक्षानन्द सरस्वती महाराज त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। देश दुनिया में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने के साथ ब्रह्मलीन स्वामी गौरक्षानन्द सरस्वती ने सदैव भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म के मार्ग पर अग्रसर किया। सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि स्वामी विद्यानन्द सरस्वती महाराज अपने गुरू के अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाते हुए धर्म के संरक्षण संवर्द्धन में योगदान कर रहे हैं, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि सभी को गौवंश के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प लेना चाहिए। ब्रह्मलीन स्वामी गोरक्षानन्द सरस्वती महाराज के दिखाए मार्ग पर चलते हुए गौवंश के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परोपकार एवं मानव कल्याण के लिए समर्पित होता है। ब्रह्मलीन स्वामी गोरक्षानन्द सरस्वती महाराज ने सन्यास परंपरांओं का पालन करते हुए सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान दिया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी,महंत देवानन्द सरस्वती,महंत कमलदास,स्वामी विवेकानन्द,स्वामी विश्वानन्द,ओम पहलवान आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
हरिद्वार। ब्रह्मलीन स्वामी गोरक्षानन्द सरस्वती का 110वां अवतरण दिवस भूपतवाला स्थित गौरक्षानन्द भक्ति आश्रम में संत समाज के सानिध्य में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आश्रम के महंत एवं ब्रह्मलीन स्वामी गोरक्षानन्द सरस्वती के शिष्य स्वामी विद्यानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले पूज्य ब्रह्मलीन गुरूदेव स्वामी गोरक्षानन्द सरस्वती ने जीवन पर्यन्त श्रद्धालु भक्तों को गौ संरक्षण संवर्द्धन के लिए प्रेरित किया। उनकी प्रेरणा से लाखों श्रद्धालु भक्त गौ सेवा में योगदान कर रहे हैं। स्वामी विद्यानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए आश्रम के सेवा प्रकल्पों का विस्तार करने के साथ उनके अधूरे कार्यो को पूरा किया जा रहा है। पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी गौरक्षानन्द सरस्वती महाराज त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। देश दुनिया में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने के साथ ब्रह्मलीन स्वामी गौरक्षानन्द सरस्वती ने सदैव भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म के मार्ग पर अग्रसर किया। सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि स्वामी विद्यानन्द सरस्वती महाराज अपने गुरू के अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाते हुए धर्म के संरक्षण संवर्द्धन में योगदान कर रहे हैं, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि सभी को गौवंश के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प लेना चाहिए। ब्रह्मलीन स्वामी गोरक्षानन्द सरस्वती महाराज के दिखाए मार्ग पर चलते हुए गौवंश के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परोपकार एवं मानव कल्याण के लिए समर्पित होता है। ब्रह्मलीन स्वामी गोरक्षानन्द सरस्वती महाराज ने सन्यास परंपरांओं का पालन करते हुए सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान दिया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी,महंत देवानन्द सरस्वती,महंत कमलदास,स्वामी विवेकानन्द,स्वामी विश्वानन्द,ओम पहलवान आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
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